AIIMS ने बच्चों के अत्यधिक मोबाइल उपयोग से होने वाले नुकसान पर चेतावनी जारी की। जानें, स्क्रीन टाइम सीमाएं, स्वास्थ्य पर प्रभाव और माता-पिता के लिए दिशा-निर्देश।
आज के डिजिटल युग में, बच्चों का मोबाइल फोन और अन्य स्क्रीन डिवाइसों का उपयोग लगातार बढ़ रहा है। AIIMS (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) ने हाल ही में बच्चों में बढ़ते मोबाइल उपयोग और इसके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले खतरनाक प्रभावों को लेकर एक महत्वपूर्ण चेतावनी जारी की है। विशेषज्ञों ने बताया कि यह आदत न केवल बच्चों की आंखों को नुकसान पहुंचा रही है, बल्कि उनके मानसिक और शारीरिक विकास पर भी गहरा असर डाल रही है।
AIIMS की मुख्य चेतावनी का सारांश:
मुख्य बिंदु | विवरण |
---|---|
स्क्रीन टाइम सीमा | 2 घंटे प्रतिदिन से अधिक न हो। |
आंखों पर प्रभाव | मायोपिया का खतरा बढ़ता जा रहा है। |
व्यवहार संबंधी प्रभाव | चिड़चिड़ापन, एकाग्रता की कमी, नींद की समस्या। |
शारीरिक प्रभाव | मोटापा, शारीरिक गतिविधियों में कमी। |
सुझाव | आउटडोर गतिविधियों को बढ़ावा दें। |
नियमित जांच | सालाना आंखों की जांच आवश्यक। |
बच्चों पर मोबाइल उपयोग के स्वास्थ्य प्रभाव
1. आंखों पर प्रभाव:
विशेषज्ञों के अनुसार, मोबाइल स्क्रीन का अधिक समय तक उपयोग बच्चों की दृष्टि को कमजोर कर सकता है। स्क्रीन टाइम से:
- मायोपिया (निकट दृष्टि दोष): 2015-16 में स्कूली बच्चों में मायोपिया का प्रतिशत 10-12% था, जो अब तेजी से बढ़ रहा है।
- आंखों की समस्याएं: जलन, सूखापन और थकान बढ़ रही है।
- भविष्य की संभावना: 2050 तक 40-45% बच्चों को मायोपिया हो सकता है।
2. व्यवहार और मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव:
AIIMS द्वारा किए गए अध्ययन में यह पाया गया है:
- 33.1% किशोर डिप्रेशन का शिकार।
- 24.9% में चिंता के लक्षण।
- 59% में गुस्से की प्रवृत्ति अधिक।
3. शारीरिक स्वास्थ्य पर प्रभाव:
- मोबाइल उपयोग के कारण बच्चों की शारीरिक गतिविधियां कम हो रही हैं।
- मोटापा और गर्दन व कंधे में दर्द जैसी समस्याएं आम हो गई हैं।
AIIMS द्वारा सुझाए गए समाधान
1. स्क्रीन टाइम सीमा तय करें:
- 15 साल से कम उम्र के बच्चों का स्क्रीन टाइम प्रतिदिन 2 घंटे तक सीमित करें।
- 20-20-20 नियम: हर 20 मिनट बाद, 20 सेकंड का ब्रेक लें और 20 मीटर दूर देखें।
2. आउटडोर गतिविधियों को बढ़ावा दें:
- स्कूल और घर में बच्चों को रोजाना एक घंटे की आउटडोर गतिविधियों के लिए प्रोत्साहित करें।
3. उम्र के अनुसार गाइडलाइंस:
उम्र | गाइडलाइंस |
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3 साल से पहले | स्क्रीन टाइम पूरी तरह से बंद रखें। |
6 साल से पहले | इंटरनेट का उपयोग न करें। |
9 साल से पहले | वीडियो गेम से दूर रखें। |
12 साल से पहले | सोशल मीडिया का कोई उपयोग न हो। |
4. माता-पिता की भूमिका:
- बच्चों के स्क्रीन टाइम पर नज़र रखें।
- घर में स्क्रीन उपयोग के लिए नियम बनाएं।
- बच्चों के साथ शारीरिक गतिविधियों में भाग लें।
5. स्कूलों की जिम्मेदारी:
- नियमित विजन टेस्ट और आउटडोर गेम्स के लिए समय निर्धारित करें।
- डिजिटल डिवाइस के सही उपयोग पर बच्चों को जागरूक करें।
मोबाइल फोन का सकारात्मक उपयोग
सही और नियंत्रित उपयोग से मोबाइल फोन कई फायदे भी दे सकता है:
- शैक्षिक एप्स: पढ़ाई में सहायक।
- ज्ञानवर्धक वीडियो: बच्चों के लिए उपयोगी जानकारी।
- आपातकालीन स्थिति: परिवार से तुरंत संपर्क।
निष्कर्ष
AIIMS की यह चेतावनी बच्चों के स्वस्थ भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। मोबाइल और डिजिटल उपकरणों का विवेकपूर्ण उपयोग न केवल बच्चों को सुरक्षित रखेगा बल्कि उनके समग्र विकास में भी मदद करेगा। माता-पिता, शिक्षकों और समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है कि बच्चों को डिजिटल और वास्तविक दुनिया के बीच संतुलन सिखाएं।
डिस्क्लेमर:
यह लेख AIIMS विशेषज्ञों द्वारा दिए गए सुझावों पर आधारित है और केवल सूचनात्मक उद्देश्य से तैयार किया गया है। व्यक्तिगत चिकित्सा सलाह के लिए योग्य डॉक्टर से परामर्श करें।