अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत जैसलमेर रेलवे स्टेशन को 140 करोड़ की लागत से एयरपोर्ट जैसी सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। जानें निर्माण की स्थिति, मिलने वाली सुविधाएं और खास बातें।
भारतीय रेलवे ने अपने इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक और विश्वस्तरीय बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। “अमृत भारत स्टेशन योजना” (Amrit Bharat Station Scheme) के तहत देश के कई रेलवे स्टेशनों को एयरपोर्ट जैसी सुविधाओं से सुसज्जित किया जा रहा है। इस योजना का उद्देश्य यात्रियों को एक बेहतर, सुरक्षित और आरामदायक अनुभव प्रदान करना है।
इस योजना की सबसे शानदार झलक राजस्थान के जैसलमेर रेलवे स्टेशन पर देखने को मिल रही है, जहां ₹140 करोड़ रुपये की लागत से स्टेशन का कायाकल्प किया जा रहा है।
क्या है अमृत भारत स्टेशन योजना?
अमृत भारत स्टेशन योजना केंद्र सरकार की एक प्रमुख पहल है, जिसके अंतर्गत देशभर के 1300 से अधिक रेलवे स्टेशनों को मॉडर्न सुविधाओं से लैस किया जाएगा। इस योजना का फोकस है:
- स्टेशन की संरचना और सौंदर्यीकरण
- यात्री सुविधाओं का विस्तार
- तकनीकी अपग्रेडेशन
- स्वच्छता और हरित ऊर्जा का समावेश
जैसलमेर स्टेशन का नया लुक: 140 करोड़ में एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं
विवरण | जानकारी |
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कुल लागत | ₹140 करोड़ |
क्षेत्रफल | 48,000 वर्गफीट से अधिक |
निर्माण स्थिति | अंतिम चरण में |
पूरी होने की संभावना | जुलाई-अगस्त 2025 |
डिपो निर्माण | ₹52 करोड़ की लागत से |
इन सुविधाओं से लैस होगा नया जैसलमेर स्टेशन:
- बड़ा प्रवेश हॉल और शानदार आंतरिक डिजाइन
- लिफ्ट और एस्केलेटर की सुविधा
- वेटिंग रूम, फूड कोर्ट, शॉपिंग एरिया
- बच्चों के लिए खेल क्षेत्र और आरामदायक बैठने की व्यवस्था
- 12 मीटर चौड़ा फुट ओवर ब्रिज
- टू-व्हीलर/फोर-व्हीलर पार्किंग, ऑटो स्टैंड
- दिव्यांगजनों के लिए समर्पित सुविधाएं
- कोच इंडिकेशन बोर्ड और डिजिटल साइनेज
निर्माण का स्टेटस: जल्द पूरा होगा सपना
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, पिछले दो वर्षों से चल रहे इस प्रोजेक्ट का 90% से अधिक कार्य पूरा हो चुका है। अब केवल आंतरिक सज्जा और तकनीकी सेटअप पर काम चल रहा है, जिसे जुलाई-अगस्त 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा।
डिपो निर्माण से ट्रेनों का संचालन होगा आसान
इस स्टेशन के साथ एक आधुनिक अनुरक्षण डिपो भी बनाया जा रहा है:
- 2 स्टेबल लाइन
- 2 हैवी रिपेयर लाइन
- 1 वॉशिंग लाइन
यह डिपो लंबी दूरी की ट्रेनों की मेंटेनेंस और संचालन में बड़ी भूमिका निभाएगा। इससे जैसलमेर से नई ट्रेनों की शुरुआत की संभावनाएं भी प्रबल हो गई हैं।
पारंपरिकता और आधुनिकता का संगम
स्टेशन के नए भवन और चारदीवारी में जैसलमेर के प्रसिद्ध पीले पत्थर का प्रयोग किया गया है। डिज़ाइन में स्थानीय लोक कला की झलक के साथ आधुनिक वास्तुकला का समावेश है, जो यात्रियों को एक अनोखा अनुभव देगा।
पर्यावरण के लिए विशेष उपाय
भारतीय रेलवे की इस परियोजना में पर्यावरण को भी ध्यान में रखा गया है:
- सोलर पैनल से बिजली की आपूर्ति
- सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट
- रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम
- ग्रीन बिल्डिंग तकनीक का उपयोग
स्टेशन की मुख्य इमारत 8227 वर्गमीटर क्षेत्र में फैली होगी, जिसमें हरियाली और ऊर्जा दक्षता पर विशेष ध्यान दिया गया है।
क्या बदलेगा यात्रियों के अनुभव में?
- भीड़भाड़ और अव्यवस्था होगी खत्म
- डिजिटल सुविधाओं से चेक-इन और सूचना प्रणाली आसान
- स्वच्छ और वातानुकूलित परिसर
- सुरक्षा के लिए CCTV और ऑटोमैटिक गेट्स
- महिलाओं, बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए बेहतर सुविधाएं
पर्यटन और सेना के लिए भी फायदेमंद
जैसलमेर एक प्रमुख पर्यटन स्थल है और यहां बड़ी संख्या में सेना और अर्धसैनिक बलों की तैनाती भी रहती है। ऐसे में इस स्टेशन का आधुनिकीकरण न केवल यात्रियों बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा।
क्या यात्रियों को मिलेंगी नई ट्रेनें?
संभावना है कि स्टेशन के अपग्रेड होने के बाद:
- जैसलमेर से नई लंबी दूरी की ट्रेनों की शुरुआत होगी
- जोधपुर और बीकानेर से चलने वाली ट्रेनों को जैसलमेर तक बढ़ाया जाएगा
- टूरिस्ट सीज़न में स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएंगी
निष्कर्ष
अमृत भारत स्टेशन योजना सिर्फ एक इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजना नहीं बल्कि एक दृष्टिकोण है – भारत को आधुनिक, सुलभ और नागरिक अनुकूल बनाने की दिशा में। जैसलमेर रेलवे स्टेशन इसका प्रतिनिधि उदाहरण बन रहा है, जो ना सिर्फ यात्रियों को बेहतर सुविधा देगा, बल्कि शहर की प्रतिष्ठा भी बढ़ाएगा।
Disclaimer
यह लेख समाचार रिपोर्ट्स और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी के आधार पर तैयार किया गया है। किसी भी योजना या निर्माण कार्य से संबंधित अद्यतन जानकारी के लिए भारतीय रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट या संबंधित विभाग से संपर्क करना आवश्यक है।