सरकार ने पेंशनर्स के लिए लागू की नई यूनिफाइड पेंशन स्कीम। डियरनेस रिलीफ में बढ़ोतरी, टैक्स छूट सीमा में बदलाव और न्यूनतम पेंशन ₹10,000। पढ़ें पूरी जानकारी।
2025 की शुरुआत में केंद्र सरकार ने पेंशनभोगियों के लिए एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। केंद्र की कैबिनेट मीटिंग में कई ऐसे बदलावों को मंजूरी दी गई है, जिनसे देशभर के लाखों पेंशनर्स को सीधा लाभ मिलेगा। अब तक जो पेंशन ₹9000 प्रतिमाह तक सीमित थी, वह नई योजनाओं के तहत ₹28,000 तक पहुंच सकती है।
सरकार का मकसद स्पष्ट है—पेंशनर्स को आर्थिक रूप से सुरक्षित बनाना, महंगाई से राहत देना और रिटायरमेंट के बाद की जिंदगी को ज्यादा सम्मानजनक बनाना। आइए विस्तार से जानते हैं कि इन बदलावों में क्या-क्या शामिल है।
कैबिनेट के बड़े फैसले: संक्षेप में एक नजर
बदलाव/योजना | लाभ/प्रभाव |
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डियरनेस रिलीफ में 2% की वृद्धि | DR 53% से बढ़कर 55%, 66.55 लाख पेंशनर्स को फायदा |
यूनिफाइड पेंशन स्कीम | 25 साल सेवा वालों को अंतिम वेतन का 50% पेंशन |
टैक्स छूट सीमा | ₹3 लाख से बढ़ाकर ₹4 लाख |
टैक्स रिबेट सीमा | ₹7 लाख से बढ़ाकर ₹12 लाख |
स्टैंडर्ड डिडक्शन | ₹75,000 तक की पेंशन टैक्स फ्री |
वरिष्ठ नागरिकों के लिए छूट | ब्याज आय पर छूट ₹1 लाख तक |
TDS सीमा | किराए पर TDS सीमा ₹2.4 लाख से ₹6 लाख |
न्यूनतम पेंशन गारंटी | ₹10,000 प्रति माह तय |
यूनिफाइड पेंशन स्कीम: पेंशनर्स के लिए गेमचेंजर
1 अप्रैल 2025 से लागू हुई नई यूनिफाइड पेंशन स्कीम के अंतर्गत अब:
- जिन कर्मचारियों ने कम से कम 25 साल की सेवा पूरी की है, उन्हें रिटायरमेंट पर अंतिम 12 महीनों के औसत बेसिक वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा।
- यह स्कीम पुराने पेंशन सिस्टम की जगह लाई गई है।
- इससे 23 लाख केंद्रीय कर्मचारी और भविष्य में निजी क्षेत्र के कर्मचारी भी लाभांवित हो सकते हैं।
- 2004 के बाद नियुक्त कर्मचारियों को भी इस स्कीम में शिफ्ट करने का विकल्प मिलेगा।
डियरनेस रिलीफ में वृद्धि: महंगाई से राहत
- जनवरी 2025 से डियरनेस रिलीफ (DR) 2% बढ़ाकर 55% कर दी गई है।
- इससे लगभग 66.55 लाख पेंशनर्स को सीधा आर्थिक लाभ होगा।
- सरकार पर इसका सालाना बोझ ₹6,614 करोड़ होगा, लेकिन पेंशनर्स को बढ़ी हुई राशि मिलने लगेगी।
टैक्स छूट और अन्य राहतें
सरकार ने पेंशनर्स की टैक्स देनदारी को कम करने के लिए भी कई बड़े बदलाव किए हैं:
- इनकम टैक्स छूट सीमा ₹3 लाख से बढ़ाकर ₹4 लाख कर दी गई है।
- टैक्स रिबेट की सीमा ₹12 लाख तक कर दी गई है।
- ₹75,000 तक का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलने से लगभग ₹12.5 लाख तक की आय टैक्स फ्री हो सकती है।
- वरिष्ठ नागरिकों को बैंक ब्याज पर ₹1 लाख तक की टैक्स छूट भी दी गई है।
न्यूनतम पेंशन और वार्षिक संशोधन की व्यवस्था
- अब हर पात्र पेंशनर को कम से कम ₹10,000 प्रति माह पेंशन दी जाएगी।
- पेंशन राशि में हर साल महंगाई के अनुसार स्वतः संशोधन होगा, ताकि रिटायर्ड कर्मचारियों की क्रयशक्ति बनी रहे।
निजी क्षेत्र के पेंशनर्स को भी राहत
नई यूनिफाइड पेंशन स्कीम को कुछ निजी कंपनियों तक भी विस्तारित करने पर विचार किया जा रहा है, जिससे लाखों निजी कर्मचारियों को भी इसका लाभ मिल सकता है।
नई व्यवस्था से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदु
- 25 साल सेवा वाले कर्मचारी ही इस स्कीम का लाभ ले सकेंगे।
- पेंशन की गणना अंतिम 12 महीनों के औसत वेतन पर होगी।
- पुरानी पेंशन स्कीम के तहत रिटायर हुए कर्मचारियों के लिए अलग नियम लागू होंगे।
- बैंकों और सरकारी विभागों को निर्देश जारी किए गए हैं कि नए नियमों के अनुसार पेंशन का भुगतान किया जाए।
नई स्कीम से पेंशनर्स को क्या फायदे होंगे?
- आर्थिक मजबूती: पेंशन और टैक्स छूट से कुल मासिक आय में बढ़ोतरी।
- महंगाई में राहत: DR और ऑटोमैटिक संशोधन से महंगाई का बोझ कम।
- भविष्य की सुरक्षा: यूनिफाइड स्कीम से रिटायरमेंट के बाद की जिंदगी अधिक स्थिर और सम्मानजनक।
- वरिष्ठ नागरिकों को विशेष राहत: ब्याज आय पर छूट और टैक्स रिबेट से अतिरिक्त लाभ।
निष्कर्ष
पेंशनर्स के हित में लिया गया यह कैबिनेट फैसला न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा, बल्कि उन्हें एक सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर भी देगा। सरकार द्वारा लाई गई यूनिफाइड पेंशन स्कीम, DR में बढ़ोतरी, टैक्स छूट और न्यूनतम पेंशन की गारंटी जैसे कदम निश्चित रूप से पेंशनर्स के भविष्य को उज्जवल बनाएंगे।
Disclaimer:
यह लेख सरकारी बजट घोषणाओं और कैबिनेट मीटिंग में लिए गए निर्णयों पर आधारित है। सभी योजनाएं 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी हैं। पाठकों से अनुरोध है कि किसी भी अद्यतन जानकारी के लिए संबंधित विभाग या आधिकारिक वेबसाइट की पुष्टि अवश्य करें।