बिहार सरकार द्वारा चलाए जा रहे भूमि सर्वेक्षण अभियान का उद्देश्य भूमि रिकॉर्ड को अपडेट और डिजिटलाइज करना है। जानें इस प्रक्रिया की पूरी जानकारी और जमीन मालिकों को ध्यान रखने योग्य महत्वपूर्ण बातें।
बिहार सरकार ने राज्य में भूमि संबंधित विवादों को कम करने और रिकॉर्ड को सटीक बनाने के लिए विशेष भूमि सर्वेक्षण और बंदोबस्त अभियान शुरू किया है। यह सर्वेक्षण राज्य के सभी 38 जिलों और लगभग 45,000 राजस्व गांवों में किया जा रहा है।
इस लेख में जानें:
- बिहार भूमि सर्वेक्षण का उद्देश्य
- नई प्रक्रिया और तकनीकी उपयोग
- समय सीमा और जमीन मालिकों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी
बिहार Land Survey क्या है?
यह एक राज्यव्यापी भूमि सर्वेक्षण अभियान है, जिसका उद्देश्य सभी भूमि रिकॉर्ड को डिजिटलीकरण करना और आधुनिक बनाना है। बिहार सरकार का दावा है कि इस सर्वे से भूमि विवाद कम होंगे और भूमि प्रशासन में पारदर्शिता बढ़ेगी।
परियोजना का नाम | बिहार विशेष भूमि सर्वेक्षण और बंदोबस्त |
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शुरुआत वर्ष | 2024 |
लक्षित पूर्णता वर्ष | 2026 |
कवर किए जाने वाले जिले | सभी 38 जिले |
लक्षित गांव | 45,000 राजस्व गांव |
डिजिटलाइज दस्तावेज़ | 25 करोड़ से अधिक |
कार्यान्वयन एजेंसी | राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, बिहार सरकार |
Land Survey के उद्देश्य
- भूमि रिकॉर्ड को डिजिटल और सटीक बनाना।
- पुराने और अप्रचलित रिकॉर्ड को अपडेट करना।
- ड्रोन और GPS तकनीक से भूमि की मैपिंग।
- भूमि विवादों को कम करना।
- किसानों को उनकी भूमि का सटीक विवरण प्रदान करना।
- राजस्व संग्रह में पारदर्शिता लाना।
Land Survey की प्रक्रिया
बिहार भूमि सर्वेक्षण प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाया गया है। नई प्रक्रिया में निम्नलिखित चरण शामिल हैं:
- सर्वे नोटिफिकेशन: सरकार गांव या क्षेत्र में सर्वे की घोषणा करती है।
- स्व-घोषणा जमा करना: भूमि मालिक अपने दस्तावेज़ जमा करते हैं।
- दस्तावेज़ सत्यापन: सर्वे टीम द्वारा दस्तावेज़ों की जांच।
- फील्ड सर्वे: ड्रोन और GPS तकनीक के उपयोग से भूमि का सर्वेक्षण।
- डेटा प्रोसेसिंग: एकत्रित डेटा को डिजिटलीकरण करना।
- ड्राफ्ट रिकॉर्ड का प्रकाशन: प्रारंभिक रिकॉर्ड प्रकाशित करना।
- आपत्तियां और सुझाव: भूमि मालिकों से प्रतिक्रिया लेना।
- अंतिम रिकॉर्ड का प्रकाशन: अंतिम भूमि रिकॉर्ड का आधिकारिक प्रकाशन।
तकनीकी पहलू: आधुनिक तकनीक का उपयोग
बिहार भूमि सर्वेक्षण में अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है:
- ड्रोन तकनीक: सटीक एरियल फोटोग्राफी और 3D मैपिंग।
- GPS/DGPS: भू-स्थानिक डेटा का संग्रह और सटीक सीमांकन।
- GIS (Geographic Information System): लेयर्ड मैपिंग और डेटा विज़ुअलाइज़ेशन।
- क्लाउड कंप्यूटिंग: डेटा स्टोरेज और रियल-टाइम अपडेट।
समय सीमा बढ़ी
राज्य सरकार ने भूमि सर्वेक्षण की समय सीमा बढ़ाकर जुलाई 2026 कर दी है।
पहले समय सीमा | नई समय सीमा |
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जुलाई 2025 | जुलाई 2026 |
जमीन मालिकों के लिए महत्वपूर्ण बातें
यदि आप बिहार में जमीन के मालिक हैं, तो निम्नलिखित कार्य सुनिश्चित करें:
- अपने सभी भूमि दस्तावेज़ सही और व्यवस्थित रखें।
- सरकारी पोर्टल से अपने क्षेत्र के सर्वेक्षण की जानकारी प्राप्त करें।
- स्व-घोषणा फॉर्म में सभी जानकारी सही से भरें।
- फील्ड सर्वे के दौरान अपनी उपस्थिति दर्ज करें या विश्वसनीय प्रतिनिधि को भेजें।
- ड्राफ्ट रिकॉर्ड की जांच करें और जरूरत पड़ने पर आपत्तियां दर्ज करें।
Land Survey के लाभ
बिहार सरकार के इस अभियान से भूमि मालिकों और किसानों को निम्नलिखित फायदे होंगे:
- भूमि विवादों में कमी।
- सटीक और डिजिटल भूमि रिकॉर्ड।
- पारदर्शी और सरल भूमि लेनदेन प्रक्रिया।
- सरकारी योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन।
- राजस्व संग्रह में वृद्धि।
- डिजिटल कृषि योजना और विकास में सुधार।
सावधानियां
- केवल प्रमाणित सरकारी अधिकारियों से संपर्क करें।
- किसी भी अनधिकृत व्यक्ति को दस्तावेज़ न दें।
- समय सीमा के भीतर सभी प्रक्रियाओं को पूरा करें।
- सार्वजनिक पोर्टल पर अपनी जानकारी सुरक्षित रखें।
डिस्क्लेमर
यह लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से है। सरकारी नीतियों में बदलाव संभव है। किसी भी कार्रवाई से पहले संबंधित विभाग या अधिकारी से संपर्क करें। हम इस जानकारी के उपयोग से होने वाले किसी भी नुकसान के लिए उत्तरदायी नहीं हैं।