CBSE ने 2025 की बोर्ड परीक्षाओं के लिए नया पैटर्न लागू किया है, जिसमें साल में दो बार परीक्षा का मौका और कौशल-आधारित प्रश्नों का वेटेज बढ़ाया गया है। जानें परीक्षा पैटर्न में हुए बदलाव और छात्रों के लिए जरूरी सुझाव।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 2025 की बोर्ड परीक्षाओं के लिए नया परीक्षा पैटर्न पेश किया है। यह बदलाव छात्रों के समग्र विकास और परीक्षा के तनाव को कम करने के उद्देश्य से किए गए हैं। अब परीक्षा प्रणाली को अधिक कौशल-आधारित और व्यवहारिक बनाया गया है, ताकि छात्र अपनी समझ और सोचने की क्षमता को बेहतर ढंग से प्रदर्शित कर सकें।
CBSE बोर्ड परीक्षा 2025: एक नजर में
विवरण | जानकारी |
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लागू होने का वर्ष | 2024-25 |
प्रभावित कक्षाएँ | 10वीं और 12वीं |
परीक्षा की आवृत्ति | वर्ष में दो बार |
पहली परीक्षा | नवंबर-दिसंबर 2024 |
दूसरी परीक्षा | फरवरी-मार्च 2025 |
अंकन प्रणाली | दोनों में से बेहतर स्कोर |
कौशल-आधारित प्रश्न | 50% (40% से बढ़ाकर) |
निर्मित उत्तर प्रश्न | 30% (40% से घटाकर) |
CBSE बोर्ड परीक्षा 2025 में प्रमुख बदलाव
- साल में दो बार परीक्षा देने का मौका
CBSE ने पहली बार छात्रों को साल में दो बार बोर्ड परीक्षा देने का विकल्प दिया है। इसका उद्देश्य छात्रों को अपने प्रदर्शन को सुधारने का एक और मौका देना है।- पहली परीक्षा: नवंबर-दिसंबर 2024
- दूसरी परीक्षा: फरवरी-मार्च 2025
इन दोनों परीक्षाओं में से छात्र के बेहतर स्कोर को फाइनल मार्क्स के रूप में गिना जाएगा।
- परीक्षा का तनाव कम होगा।
- छात्रों को सुधार का मौका मिलेगा।
- पढ़ाई में निरंतरता बनी रहेगी।
- कौशल-आधारित प्रश्नों का वेटेज बढ़ा
नए पैटर्न में कौशल-आधारित प्रश्नों का वेटेज 40% से बढ़ाकर 50% कर दिया गया है।
इन प्रश्नों में शामिल होंगे:- बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)
- केस-आधारित प्रश्न
- स्रोत-आधारित प्रश्न
- निर्मित उत्तर (लघु और दीर्घ उत्तरीय) प्रश्नों में कमी
परंपरागत लघु और दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों का वेटेज 40% से घटाकर 30% कर दिया गया है।- इससे छात्रों की रटने की प्रवृत्ति कम होगी।
- अधिक ध्यान समझने और लिखने की क्षमता पर दिया जाएगा।
कक्षा 10वीं और 12वीं के लिए नया परीक्षा पैटर्न
कक्षा 10वीं के बदलाव:
प्रश्न का प्रकार | वेटेज (%) |
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योग्यता-आधारित प्रश्न | 50% |
बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) | 20% |
लघु और दीर्घ उत्तरीय प्रश्न | 30% |
कक्षा 12वीं के बदलाव:
प्रश्न का प्रकार | वेटेज (%) |
---|---|
योग्यता-आधारित प्रश्न | 50% (40% से बढ़ाकर) |
बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) | 20% |
लघु और दीर्घ उत्तरीय प्रश्न | 30% (40% से घटाकर) |
छात्रों के लिए तैयारी के सुझाव
नए परीक्षा पैटर्न के अनुसार छात्रों को अपनी तैयारी में बदलाव करना होगा। यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं:
- कॉन्सेप्ट को समझें: रटने के बजाय विषयों को गहराई से समझें।
- प्रैक्टिकल एप्लीकेशन पर जोर दें: सिद्धांतों को वास्तविक उदाहरणों से जोड़ें।
- केस स्टडीज और स्रोत-आधारित प्रश्नों का अभ्यास करें।
- समय प्रबंधन करें: दोनों परीक्षाओं के लिए समान रूप से तैयारी करें।
- मॉक टेस्ट का अभ्यास करें: नए पैटर्न पर आधारित मॉक टेस्ट देकर अपनी तैयारी का मूल्यांकन करें।
- NCERT और अन्य मान्यता प्राप्त पुस्तकें पढ़ें।
शिक्षकों और अभिभावकों की भूमिका
- शिक्षकों के लिए:
- इंटरैक्टिव शिक्षण पद्धति अपनाएं।
- छात्रों की प्रगति का नियमित मूल्यांकन करें।
- छात्रों को केस स्टडी और व्यावहारिक उदाहरणों से सिखाएं।
- अभिभावकों के लिए:
- पढ़ाई के लिए सकारात्मक माहौल बनाएं।
- परीक्षा के तनाव को कम करने में मदद करें।
- बच्चों के साथ उनकी प्रगति पर चर्चा करें।
निष्कर्ष
CBSE का यह नया पैटर्न छात्रों के लिए अधिक अनुकूल और प्रगतिशील है। यह न केवल छात्रों के तनाव को कम करेगा, बल्कि उन्हें बेहतर प्रदर्शन करने का अवसर भी देगा। कौशल-आधारित शिक्षा से छात्रों को न केवल परीक्षा के लिए बल्कि भविष्य की चुनौतियों के लिए भी तैयार किया जा सकेगा।
Disclaimer:
यह लेख CBSE द्वारा घोषित 2025 के नए परीक्षा पैटर्न पर आधारित है। किसी भी अपडेट या बदलाव के लिए CBSE की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।