RBI ने CIBIL Score को लेकर नए नियम लागू किए हैं, जिनके तहत अब बैंकों को हर 15 दिन में क्रेडिट स्कोर अपडेट करना अनिवार्य होगा। जानें इससे जुड़ी पूरी जानकारी, प्रभाव और फायदे।
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने देशभर के करोड़ों बैंक ग्राहकों को राहत देते हुए CIBIL स्कोर को लेकर बड़ा फैसला लिया है। नए नियमों के तहत अब हर 15 दिन में क्रेडिट स्कोर अपडेट करना सभी बैंकों और वित्तीय संस्थानों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। यह कदम ग्राहकों की वित्तीय विश्वसनीयता को सही ढंग से दर्शाने और लोन संबंधी निर्णयों में पारदर्शिता लाने के लिए उठाया गया है।
इस लेख में हम आपको विस्तार से बताएंगे कि RBI के नए नियम क्या हैं, उनका क्या प्रभाव होगा, और ये बदलाव ग्राहकों के लिए कैसे फायदेमंद हैं। साथ ही हम CIBIL स्कोर की श्रेणियों और स्कोर से जुड़ी जानकारी भी साझा करेंगे।
RBI CIBIL Score New Rule 2025: क्या है नया बदलाव?
RBI ने 1 जनवरी 2025 से क्रेडिट रिपोर्टिंग सिस्टम में नया नियम लागू कर दिया है, जिसके अंतर्गत:
- अब सभी बैंक और वित्तीय संस्थान प्रत्येक 15 दिन में क्रेडिट ब्यूरो को डाटा भेजेंगे।
- पहले यह डाटा महीने में सिर्फ एक बार भेजा जाता था, जिससे स्कोर अपडेट में 40 दिन तक की देरी होती थी।
- अब इस तेज़ प्रक्रिया से ग्राहकों के स्कोर पर रीयल टाइम प्रभाव दिखेगा।
CIBIL स्कोर में बदलाव का असर
पहले:
अगर आपने लोन चुका दिया या क्रेडिट कार्ड की किश्त समय से जमा कर दी, तो उसका प्रभाव स्कोर पर 40-45 दिन बाद दिखता था।
अब:
इसी भुगतान की जानकारी 15 दिन में क्रेडिट ब्यूरो तक पहुंचाई जाएगी, जिससे आपका स्कोर जल्दी सुधरेगा।
इसके प्रभाव:
- लोन और क्रेडिट कार्ड की टाइमली पेमेंट का लाभ जल्द मिलेगा।
- लोन के लिए प्रोसेसिंग समय घटेगा क्योंकि बैंक को ताजा डाटा मिलेगा।
- गलत स्कोर या डिले अपडेट की वजह से होने वाली अस्वीकृति से बचा जा सकेगा।
CIBIL स्कोर की श्रेणियां
आपका CIBIL स्कोर 300 से 900 के बीच होता है, और इसकी श्रेणियां कुछ इस प्रकार हैं:
स्कोर रेंज | स्थिति |
---|---|
300 – 579 | खराब स्कोर |
580 – 669 | औसत स्कोर |
670 – 739 | अच्छा स्कोर |
740 – 799 | बहुत अच्छा स्कोर |
800 – 900 | उत्कृष्ट स्कोर |
700 से ऊपर का स्कोर बैंक लोन और क्रेडिट कार्ड के लिए आदर्श माना जाता है।
15 दिन की रिपोर्टिंग के लाभ
RBI के नए नियमों के अनुसार 15 दिन में डाटा रिपोर्टिंग से निम्नलिखित फायदे होंगे:
- टाइमली अपडेट: भुगतान की स्थिति जल्दी अपडेट होगी।
- बेहतर स्कोर: समय पर भुगतान करने वालों का स्कोर तेजी से सुधरेगा।
- सटीक डेटा: बैंकों को निर्णय लेने के लिए रियल टाइम डाटा मिलेगा।
- गलत रिपोर्टिंग में सुधार: यदि कोई गलती हो तो ग्राहक तुरंत उसे सुधारने की प्रक्रिया शुरू कर सकता है।
- एवरग्रीनिंग पर रोक: अब पुराने लोन चुकाने के लिए नया लोन देने की प्रवृत्ति पर भी रोक लगेगी।
क्या है एवरग्रीनिंग?
एवरग्रीनिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें बैंक ग्राहक के पुराने कर्ज को चुकाने के लिए नया ऋण प्रदान करते हैं ताकि डिफॉल्ट को छिपाया जा सके। RBI ने इस पर सख्ती से रोक लगाने का निर्णय लिया है।
अब बैंक को:
- वास्तविक भुगतान ट्रैक करना होगा।
- पुराने लोन की जगह नया लोन देकर डेटा हेरफेर करने की छूट नहीं होगी।
ग्राहकों को क्या करना चाहिए?
अपना स्कोर नियमित जांचें:
- सभी ग्राहक हर महीने में एक बार फ्री में अपना क्रेडिट स्कोर चेक कर सकते हैं।
- CIBIL, Experian, CRIF High Mark और Equifax जैसी एजेंसियां स्कोर प्रदान करती हैं।
रिपोर्ट में त्रुटि पाए जाने पर:
- संबंधित क्रेडिट ब्यूरो में जाकर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करें।
- दस्तावेज़ों के साथ सुधार के लिए अनुरोध करें।
भविष्य में असर क्या होगा?
RBI के इन नए नियमों से आने वाले समय में:
- डिफॉल्ट की घटनाएं कम होंगी।
- डेटा पारदर्शिता बढ़ेगी।
- ईमानदार ग्राहकों को बेहतर फायदे मिलेंगे।
- बैंकिंग प्रणाली में भरोसा और पारदर्शिता स्थापित होगी।
FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
Q1. क्या 15 दिन में स्कोर अपडेट होने से लोन जल्दी मिलेगा?
हाँ, क्योंकि बैंक अब तेजी से निर्णय ले सकेंगे।
Q2. क्या हर ग्राहक अपना स्कोर फ्री में देख सकता है?
हाँ, हर ग्राहक साल में एक बार फ्री में सभी क्रेडिट ब्यूरो से रिपोर्ट प्राप्त कर सकता है।
Q3. क्या यह नियम सभी बैंकों पर लागू होगा?
हाँ, RBI के अधीन आने वाले सभी बैंकों और NBFCs को इस नियम का पालन करना अनिवार्य है।
निष्कर्ष
RBI द्वारा लागू किया गया यह नया नियम बैंकिंग सेक्टर में डाटा की पारदर्शिता और ग्राहकों के हितों की रक्षा की दिशा में एक बड़ा कदम है। अब ग्राहक अपना क्रेडिट स्कोर जल्दी अपडेट होते देख सकेंगे और समय पर भुगतान करने वालों को इसका सीधा लाभ मिलेगा।
अगर आप लोन या क्रेडिट कार्ड लेने की सोच रहे हैं तो अब समय पर भुगतान करके अपना स्कोर सुधारना और अपडेट करवाना ज्यादा असरदार हो गया है।
Disclaimer:
यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से तैयार किया गया है। सटीक जानकारी के लिए आप संबंधित बैंक या आधिकारिक क्रेडिट ब्यूरो वेबसाइट पर संपर्क करें।