दिल्ली-एनसीआर, यूपी, बिहार और ओडिशा में भूकंप के झटके! जानें तीव्रता, केंद्र, प्रभाव और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश।
देशभर में 17 फरवरी 2025 की सुबह दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, बिहार और ओडिशा समेत कई राज्यों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। यह घटना सुबह 5:36 बजे हुई, जिससे लोगों में दहशत फैल गई। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.0 मापी गई, और इसका केंद्र दिल्ली के पास जमीन से केवल 5 किलोमीटर गहराई पर स्थित था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए नागरिकों से शांत रहने और सतर्कता बरतने की अपील की। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार और प्रशासन स्थिति पर पूरी नजर बनाए हुए हैं।
भूकंप की मुख्य जानकारी
विवरण | जानकारी |
---|---|
तारीख | 17 फरवरी 2025 |
समय | सुबह 5:36 बजे |
तीव्रता | 4.0 रिक्टर स्केल |
गहराई | 5 किलोमीटर |
केंद्र स्थान | दिल्ली के पास |
प्रभावित क्षेत्र | दिल्ली-एनसीआर, यूपी, बिहार, ओडिशा |
प्रधानमंत्री का संदेश | शांत रहें और सतर्कता बरतें |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश
भूकंप के कुछ ही समय बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “X” (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया:
“दिल्ली और आसपास के इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। सभी से अनुरोध है कि शांत रहें और सुरक्षा निर्देशों का पालन करें। संभावित झटकों के लिए सतर्क रहें। अधिकारी स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।”
प्रधानमंत्री ने नागरिकों से अफवाहों पर ध्यान न देने और सिर्फ सरकारी निर्देशों का पालन करने की अपील की।
भूकंप का प्रभाव
➡ दिल्ली-एनसीआर:
✅ झटके इतने तेज थे कि लोग घरों से बाहर निकल आए।
✅ ऊंची इमारतों में रह रहे लोगों ने दरवाजों और खिड़कियों को हिलते हुए महसूस किया।
✅ कई सेकंड तक धरती कांपती रही, जिससे डर का माहौल बन गया।
➡ उत्तर प्रदेश:
✅ मेरठ, नोएडा, गाजियाबाद, वाराणसी और लखनऊ में हल्के झटके महसूस किए गए।
✅ लोग सुबह-सुबह घरों से बाहर भागते नजर आए।
➡ बिहार और ओडिशा:
✅ पटना, भागलपुर, पुरी और भुवनेश्वर में भी हल्के झटके महसूस हुए।
✅ कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ, लेकिन लोग घबराहट में घरों से बाहर निकल आए।
भारत में भूकंप के जोन
भारत को भूकंपीय संवेदनशीलता के आधार पर चार जोन में बांटा गया है। दिल्ली-एनसीआर Zone-IV (उच्च जोखिम वाला क्षेत्र) में आता है।
जोन | जोखिम स्तर |
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Zone-II | कम जोखिम |
Zone-III | मध्यम जोखिम |
Zone-IV | उच्च जोखिम |
Zone-V | अत्यधिक उच्च जोखिम |
दिल्ली और उत्तर भारत में बार-बार भूकंप आना इस बात का संकेत है कि भविष्य में बड़े भूकंप की संभावना बनी हुई है।
भूकंप आने पर क्या करें?
✅ शांत रहें – घबराएं नहीं और अफवाहें न फैलाएं।
✅ सुरक्षित स्थान चुनें – मजबूत टेबल या फर्नीचर के नीचे छिपें।
✅ खुले स्थान पर जाएं – इमारतों, पेड़ों और बिजली के तारों से दूर रहें।
✅ बिजली उपकरण बंद करें – गैस, बिजली और पानी की सप्लाई बंद कर दें।
✅ आपातकालीन किट तैयार रखें – टॉर्च, पानी, प्राथमिक चिकित्सा किट हमेशा पास रखें।
✅ लिफ्ट का इस्तेमाल न करें – सीढ़ियों का प्रयोग करें।
✅ दीवारों के किनारे खड़े न हों – कांच और भारी सामानों से दूर रहें।
दिल्ली-एनसीआर में बार-बार भूकंप क्यों आते हैं?
विशेषज्ञों के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र भूगर्भीय फॉल्ट लाइन्स पर स्थित है। इसके अलावा, भूजल स्तर गिरने, निर्माण गतिविधियों और जलवायु परिवर्तन जैसे कारण भूकंपीय गतिविधियों को प्रभावित कर सकते हैं।
🛑 क्या बड़ा खतरा मंडरा रहा है?
भूकंप विशेषज्ञों का मानना है कि बार-बार छोटे झटके एक बड़े भूकंप की चेतावनी हो सकते हैं। दिल्ली जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्र में भवन निर्माण नियमों को और सख्त करने की जरूरत है।
भूकंप की भविष्यवाणी संभव है क्या?
वैज्ञानिक भूकंप की सटीक भविष्यवाणी नहीं कर सकते, लेकिन भूगर्भीय गतिविधियों का अध्ययन करके संभावित खतरों का आकलन किया जा सकता है।
भारत सरकार और राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) इस तरह की घटनाओं की सतत निगरानी कर रहे हैं और चेतावनी प्रणाली को और मजबूत करने पर काम कर रहे हैं।
📢 निष्कर्ष
भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है, जिसे रोकना संभव नहीं है, लेकिन सतर्कता और सुरक्षा उपायों से जान-माल के नुकसान को कम किया जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें और अफवाहों से बचें।
सभी नागरिकों को भूकंप से बचाव के उपायों के प्रति जागरूक रहना चाहिए और सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइंस को फॉलो करना चाहिए।
📢 Disclaimer:
यह लेख केवल जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी वास्तविक घटनाओं और रिपोर्ट्स पर आधारित है। कृपया सरकारी निर्देशों का पालन करें और अफवाहों से बचें।