जानिए क्यों और कब से गांधी जी की तस्वीर भारतीय नोटों पर छपती है। नोटों पर गांधी जी की मुस्कुराती तस्वीर का इतिहास, चयन प्रक्रिया और महत्व।
भारतीय करेंसी नोट्स पर महात्मा गांधी की तस्वीर आज हर किसी के लिए सामान्य बात है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह तस्वीर भारतीय नोटों पर कब और क्यों छपने लगी? यह कहानी न केवल दिलचस्प है बल्कि हमारे देश के मूल्यों और इतिहास का भी परिचायक है।
इस लेख में हम जानेंगे कि भारतीय मुद्रा पर गांधी जी की तस्वीर का इतिहास, चयन प्रक्रिया और इसका महत्व क्या है।
गांधी जी की तस्वीर का संक्षिप्त इतिहास
विवरण | जानकारी |
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पहली बार नोट पर छपने का वर्ष | 1969 |
पहला नोट जिस पर छपी | 100 रुपये का विशेष नोट |
स्थायी रूप से सभी नोटों पर छपने का वर्ष | 1996 |
तस्वीर का स्रोत | 1946 की एक वास्तविक फोटो |
फोटो में गांधी जी के साथ | लॉर्ड फ्रेडरिक विलियम पेथिक-लॉरेंस |
नोट पर तस्वीर का प्रकार | मुस्कुराते हुए गांधी जी |
आजादी के बाद भारतीय नोटों का प्रारंभिक इतिहास
भारत की आजादी के बाद भी कुछ समय तक भारतीय नोटों पर ब्रिटिश राजा जॉर्ज VI की तस्वीर छपती रही।
- 1949 में पहला भारतीय 1 रुपये का नोट जारी किया गया। इसमें ब्रिटिश राजा की जगह सारनाथ का अशोक स्तंभ छपा था।
- हालांकि, उस समय गांधी जी की तस्वीर के प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया गया।
गांधी जी की तस्वीर का पहला प्रयोग
1969 में, गांधी जी की 100वीं जयंती के अवसर पर RBI ने विशेष श्रृंखला में 100 रुपये के नोट पर गांधी जी की तस्वीर छापी।
- इसमें गांधी जी बैठे हुए थे और उनके पीछे सेवाग्राम आश्रम का दृश्य था।
- यह पहला अवसर था जब गांधी जी भारतीय मुद्रा का हिस्सा बने।
500 रुपये के नोट पर गांधी जी की मुस्कुराती तस्वीर
1987 में राजीव गांधी सरकार ने 500 रुपये का नोट जारी किया। इसमें पहली बार गांधी जी की मुस्कुराती हुई तस्वीर दिखाई गई। यह वही तस्वीर है जो आज भी भारतीय नोटों पर उपयोग होती है।
महात्मा गांधी सीरीज का आरंभ
1996 में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने “महात्मा गांधी सीरीज” नाम की नई नोट श्रृंखला जारी की।
- इस सीरीज में गांधी जी की मुस्कुराती तस्वीर सभी मूल्यवर्ग के नोटों पर छपने लगी।
- इसके पीछे प्रमुख कारण थे:
- सुरक्षा उपाय:
मानव चेहरे वाले नोटों को नकली बनाना कठिन होता है। - राष्ट्रीय एकता का प्रतीक:
गांधी जी पूरे देश को एकता के सूत्र में बांधते हैं। - सुलभ पहचान:
गांधी जी का चेहरा हर भारतीय आसानी से पहचानता है, जिससे नोट की प्रामाणिकता जांचना सरल होता है।
गांधी जी की तस्वीर का चयन कैसे हुआ?
- नोटों पर छपी गांधी जी की तस्वीर 1946 में खींची गई एक फोटो से ली गई है।
- इस फोटो में गांधी जी के साथ ब्रिटिश नेता लॉर्ड फ्रेडरिक विलियम पेथिक-लॉरेंस खड़े थे।
- तस्वीर की खासियत यह थी कि इसमें गांधी जी मुस्कुरा रहे थे।
- नोट पर छपी तस्वीर इस फोटो का mirror image है।
नोटों पर गांधी जी की तस्वीर का महत्व
भारतीय नोटों पर गांधी जी की तस्वीर छापने के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं:
- राष्ट्रीय पहचान:
गांधी जी का चित्र हमारे राष्ट्र की पहचान को दर्शाता है। - आदर्शों की प्रेरणा:
यह तस्वीर गांधी जी के सत्य, अहिंसा, और त्याग के आदर्शों की याद दिलाती है। - विश्वसनीयता:
गांधी जी की छवि भारत की मुद्रा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक अलग पहचान देती है।
क्या नोटों पर अन्य महापुरुषों की तस्वीर की मांग हुई?
समय-समय पर कई लोगों ने नोटों पर अन्य महापुरुषों की तस्वीर छापने की मांग की है, जैसे:
- डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम
- सरदार वल्लभभाई पटेल
- रवींद्रनाथ टैगोर
- सुभाष चंद्र बोस
हालांकि, RBI और सरकार ने अब तक गांधी जी को ही राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में बनाए रखा है।
महात्मा गांधी नई श्रृंखला (2016)
2016 में RBI ने “महात्मा गांधी नई श्रृंखला” जारी की। इसमें नई विशेषताएं जोड़ी गईं:
- गांधी जी की तस्वीर के साथ स्वच्छ भारत अभियान का लोगो।
- नोट के पीछे भारतीय संस्कृति से जुड़े चित्र, जैसे:
- ₹2000 नोट पर मंगलयान।
- ₹500 नोट पर लाल किला।
- ₹50 नोट पर हम्पी का चित्र।
- बेहतर सुरक्षा फीचर्स।
निष्कर्ष
भारतीय नोटों पर महात्मा गांधी की तस्वीर केवल एक छवि नहीं है, बल्कि यह राष्ट्र की एकता, संस्कृति, और इतिहास का प्रतीक है। गांधी जी के आदर्शों को हर भारतीय के दिल में जीवित रखने के लिए यह तस्वीर भारतीय मुद्रा का हिस्सा बनी है।
महात्मा गांधी सीरीज का नोट न केवल तकनीकी सुरक्षा प्रदान करता है बल्कि यह हमारे राष्ट्रीय गौरव और भारतीय विरासत को भी सम्मानित करता है।
Disclaimer
यह लेख जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। भारतीय मुद्रा में किसी भी प्रकार के बदलाव के लिए RBI की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।