WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

GST में बड़ी राहत! मिडिल क्लास के लिए सस्ते होंगे टूथपेस्ट, घी, जूते और कपड़े, जानिए पूरी लिस्ट

GST कटौती से मिडिल क्लास को मिलेगी राहत। टूथपेस्ट, घी, कपड़े, बर्तन जैसी रोजमर्रा की चीजें होंगी सस्ती। जानिए कौन-कौन से सामान पर घटेगा टैक्स और कब से मिलेगा फायदा।

महंगाई के इस दौर में सरकार ने मिडिल क्लास और आम लोगों को राहत देने के लिए GST स्लैब में बदलाव का प्रस्ताव पेश किया है। इस प्रस्ताव के लागू होने से टूथपेस्ट, किचन बर्तन, रेडीमेड कपड़े, जूते-चप्पल, घी, मक्खन जैसी रोजमर्रा की चीजें सस्ती हो सकती हैं। इससे मिडिल क्लास का मासिक बजट सुधरेगा और आम आदमी को राहत मिलेगी।

GST Relief 2025: प्रस्ताव का संक्षिप्त विवरण

पॉइंट्सजानकारी
योजना का नामGST Relief For Middle Class
उद्देश्यमिडिल क्लास और गरीब वर्ग को राहत
प्रस्तावित बदलाव12% GST स्लैब खत्म करना या 5% में लाना
सस्ते होने वाले सामानटूथपेस्ट, बर्तन, घी, कपड़े, जूते, स्टेशनरी आदि
अनुमानित राजस्व असर₹40,000 – ₹50,000 करोड़ सालाना घाटा
निर्णय प्रक्रियाGST काउंसिल की मंजूरी जरूरी
संभावित बैठकजुलाई 2025
फायदामिडिल क्लास, लोअर इनकम ग्रुप

क्यों जरूरी है GST स्लैब में बदलाव?

  • महंगाई से आम आदमी का मासिक बजट प्रभावित हो रहा है।
  • रोजमर्रा में उपयोग होने वाली चीजों पर अभी 12% GST लगता है, जिससे ये सामान महंगे हैं।
  • सरकार का उद्देश्य टैक्स कम करके डिमांड बढ़ाना और अर्थव्यवस्था को गति देना है।
  • इससे टैक्स सिस्टम को भी सरल बनाया जा सकेगा।

कौन-कौन सी चीजें सस्ती हो सकती हैं?

अगर प्रस्ताव पास होता है, तो ये चीजें 12% से घटाकर 5% GST में आ सकती हैं:

  • टूथपेस्ट, साबुन, टूथ पाउडर
  • प्रेशर कुकर, किचन के बर्तन, छाता
  • सिलाई मशीन, इलेक्ट्रिक आयरन, गीजर
  • साइकिल, छोटे घरेलू उपकरण
  • रेडीमेड कपड़े (₹1000 से ऊपर), जूते-चप्पल (₹500-₹1000)
  • स्टेशनरी, एक्सरसाइज बुक्स, पेंसिल
  • डेयरी उत्पाद जैसे घी, मक्खन, पनीर
  • प्रोसेस्ड फूड, टॉफी, कैंडी, डेयरी ड्रिंक्स
  • चश्मा, हैंड बैग, ड्राई फ्रूट्स
  • पास्ता, नूडल्स, मैकरोनी, फलों की जेली
  • टाइल्स, कृषि उपकरण

मिडिल क्लास को कैसे मिलेगा फायदा?

  • ✅ रोजमर्रा की चीजें सस्ती होने से मासिक बजट पर राहत
  • ✅ बच्चों के स्कूल बैग, स्टेशनरी, कपड़े सस्ते
  • ✅ किचन के बर्तन, प्रेशर कुकर, गीजर जैसे घरेलू सामान कम दाम में उपलब्ध
  • ✅ दूध और डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे घी, मक्खन भी सस्ते होंगे

सरकार को क्या होगा फायदा और नुकसान?

पहलूप्रभाव
शुरूआती असर₹40,000-₹50,000 करोड़ का राजस्व घाटा
लॉन्ग टर्म फायदाज्यादा बिक्री से टैक्स कलेक्शन बढ़ेगा
अर्थव्यवस्था पर असरडिमांड बढ़ेगी, बाजार में रौनक आएगी
टैक्स सिस्टमसरल और अनुकूल बनने की संभावना

GST काउंसिल का क्या रोल है?

  • कोई भी बदलाव GST काउंसिल की मंजूरी के बिना संभव नहीं है।
  • सभी राज्यों के वित्त मंत्री इसमें शामिल होते हैं।
  • प्रस्ताव पर चर्चा जुलाई 2025 में संभावित मीटिंग में होगी।
  • कुछ राज्यों जैसे पंजाब, केरल, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल ने इस पर आपत्ति जताई है।

विपक्ष और राज्यों का विरोध क्यों?

  • राज्यों को डर है कि टैक्स में कटौती से उनके हिस्से का राजस्व घट जाएगा।
  • केंद्र सरकार का तर्क है कि डिमांड और टैक्स बेस बढ़ने से घाटा भर जाएगा।

क्या है सरकार की लॉन्ग टर्म योजना?

  • भविष्य में GST स्लैब को और आसान बनाने पर विचार:
    • 5%, 12%, 18%, 28% की जगह 8%, 16%, 24% जैसे स्लैब लागू हो सकते हैं।
    • टैक्स सिस्टम को और सरल और व्यापार अनुकूल बनाने की तैयारी।

क्या चुनाव से पहले लिया गया फैसला है?

कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह फैसला चुनाव से पहले मिडिल क्लास को राहत देकर सरकार की छवि मजबूत करने का प्रयास हो सकता है।

संक्षेप में – मिडिल क्लास को क्या मिलेगा फायदा?

फायदाअसर
रोजमर्रा की चीजें सस्तीटूथपेस्ट, बर्तन, घी, कपड़े, जूते
मासिक खर्च घटेगाबजट में राहत
बच्चों के स्कूल खर्च घटेंगेस्टेशनरी सस्ती होगी
घरेलू सामान सस्तेगीजर, कुकर, कपड़े
बाजार में मांग बढ़ेगीछोटे दुकानदारों को फायदा
लॉन्ग टर्म में टैक्स कलेक्शन बढ़ेगाअर्थव्यवस्था मजबूत होगी

आगे क्या होगा?

  • जुलाई 2025 में GST काउंसिल की बैठक में फैसला होगा।
  • अगर मंजूरी मिलती है तो कुछ महीनों में बदलाव लागू हो सकते हैं।
  • तब आम जनता को असली राहत मिलेगी।

Disclaimer:

यह जानकारी सरकारी प्रस्तावों और मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। अंतिम फैसला GST काउंसिल द्वारा लिया जाएगा। सटीक जानकारी के लिए आधिकारिक नोटिफिकेशन देखें। फिलहाल यह प्रस्ताव विचाराधीन है।

Amit is the founder of Just Newson, with over 5 years of experience in blogging. He specializes in providing reliable updates on government schemes (Sarkari Yojana) and trending news. Amit is committed to delivering accurate, actionable, and well-researched content that helps readers stay informed about important government initiatives.

Leave a Comment