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खतौनी देखकर जमीन असली है या फर्जी, कैसे पहचानें?

जमीन खरीदने से पहले उसकी प्रामाणिकता की जांच करना बहुत जरूरी है, क्योंकि यह बड़ा निवेश है। कई बार फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जमीन बेचने की कोशिश की जाती है। खतौनी, रजिस्ट्री, नक्शा और सरकारी रिकॉर्ड की सही जांच करके आप फर्जीवाड़े से बच सकते हैं। आइए जानते हैं इस प्रक्रिया को विस्तार से।

खतौनी की जांच: क्या है और कैसे करें?

खतौनी जमीन का एक आधिकारिक रिकॉर्ड है, जिसमें मालिक, क्षेत्रफल और अन्य कानूनी जानकारी दी जाती है। यह दस्तावेज राजस्व विभाग द्वारा जारी किया जाता है और इसे जमीन की वैधता की जांच के लिए उपयोग किया जाता है।

खतौनी की जांच के चरण:

  1. भू-अभिलेख पोर्टल पर जाएं:
    • अपने राज्य के भू-अभिलेख (Land Records) पोर्टल को ओपन करें।
    • जिलें, तहसील, गांव, और खसरा नंबर जैसे विवरण भरें।
  2. खसरा और खतौनी नंबर की जांच करें:
    • जमीन के खसरा और खतौनी नंबर को दस्तावेज में दी गई जानकारी से मिलाएं।
  3. मालिक का नाम और विवरण पढ़ें:
    • खतौनी में दर्ज नाम और विवरण जमीन बेचने वाले व्यक्ति से मिलते हैं या नहीं, यह सुनिश्चित करें।
  4. फिजिकल कॉपी प्राप्त करें:
    • तहसील कार्यालय से खतौनी की प्रमाणित कॉपी प्राप्त करें और उसकी वैधता की पुष्टि करें।

खतौनी में क्या-क्या देखें?

पहलूविवरण
जमीन का खसरा नंबरजमीन का यूनिक पहचान कोड।
मालिक का नामखतौनी में दर्ज नाम और विक्रेता का नाम समान होना चाहिए।
क्षेत्रफल और सीमाएंजमीन का क्षेत्रफल और सीमाओं का विवरण, नक्शे से मिलान करें।
जमीन का वर्गीकरणकृषि, आवासीय, या व्यावसायिक जमीन का उल्लेख।

रजिस्ट्री की जांच: कानूनी स्वामित्व कैसे पुष्टि करें?

जमीन की रजिस्ट्री उसके कानूनी स्वामित्व का प्रमाण है। इसे सब-रजिस्ट्रार कार्यालय में पंजीकृत किया जाता है। रजिस्ट्री की जांच करके यह सुनिश्चित करें कि जमीन सही मालिक की है।

रजिस्ट्री जांचने के चरण:

  1. सब-रजिस्ट्रार कार्यालय जाएं:
    • जहां जमीन स्थित है, वहां के सब-रजिस्ट्रार कार्यालय से संपर्क करें।
  2. प्रमाणित कॉपी प्राप्त करें:
    • रजिस्ट्री की प्रमाणित कॉपी के लिए आवेदन करें।
  3. जानकारी सत्यापित करें:
    • रजिस्ट्री में दी गई जानकारी (मालिक का नाम, क्षेत्रफल, सीमाएं) को ध्यान से पढ़ें।
  4. पिछली रजिस्ट्रियों की जांच करें:
    • यदि संभव हो, तो पिछली रजिस्ट्रियों का रिकॉर्ड देखें ताकि स्वामित्व का इतिहास पता चल सके।
  5. ऑनलाइन जांच करें:
    • कई राज्यों में रजिस्ट्री की जानकारी ऑनलाइन भी उपलब्ध है। राज्य के रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर जाकर जांच करें।

नक्शा और सीमाओं की जांच:

नक्शा जमीन की सीमाओं और आकार की जानकारी देता है। नक्शा और फिजिकल साइट की जांच करके सुनिश्चित करें कि दस्तावेज और जमीन में कोई अंतर न हो।

नक्शे की जांच कैसे करें?

  1. राजस्व विभाग से नक्शा प्राप्त करें:
    • तहसील कार्यालय या राजस्व विभाग से जमीन का नक्शा प्राप्त करें।
  2. मौके पर जाकर सत्यापन करें:
    • नक्शे की जानकारी को जमीन पर जाकर मिलाएं।
  3. पड़ोसियों से जानकारी लें:
    • आस-पास के लोगों से पूछताछ करके सीमाओं और जमीन की स्थिति का सत्यापन करें।
  4. सर्वेयर की मदद लें:
    • एक पेशेवर सर्वेयर से जमीन की सीमाओं का जांच करवाएं।

सरकारी रिकॉर्ड और बैंक की जांच:

सरकारी रिकॉर्ड की जांच:

  1. भू-अभिलेख पोर्टल का उपयोग करें:
    • राज्य के भू-अभिलेख पोर्टल पर जाकर जमीन का विवरण देखें।
  2. 7/12 उतारा प्राप्त करें:
    • यह दस्तावेज जमीन के मालिक और कर के रिकॉर्ड की जानकारी देता है।
  3. Non-Encumbrance Certificate (NEC):
    • यह प्रमाणपत्र सुनिश्चित करता है कि जमीन पर कोई बकाया कर्ज या विवाद नहीं है।

बैंक की जांच:

  1. बैंक लोन रिकॉर्ड जांचें:
    • बैंक से यह पुष्टि करें कि जमीन पर किसी प्रकार का कर्ज तो नहीं है।
  2. CIBIL रिपोर्ट चेक करें:
    • यह रिपोर्ट बताती है कि जमीन मालिक ने किसी बैंक से लोन लिया है या नहीं।

फर्जी जमीन की पहचान करने के संकेत:

  1. दस्तावेजों में विसंगति:
    • मालिक के नाम और दस्तावेजों की जानकारी मेल न खाना।
  2. मालिक की असली पहचान न होना:
    • विक्रेता के पास आधार, पैन, या अन्य सरकारी पहचान प्रमाण न होना।
  3. कानूनी विवाद:
    • जमीन पर कोर्ट केस या अन्य विवाद चल रहा होना।
  4. दस्तावेजों का गुम होना:
    • खतौनी, रजिस्ट्री, और नक्शा जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों का अभाव।

अस्वीकरण (Disclaimer):

यह लेख जमीन की जांच के लिए सामान्य जानकारी प्रदान करता है। किसी भी जमीन से संबंधित निर्णय लेने से पहले कानूनी सलाह अवश्य लें। सरकारी नियम समय-समय पर बदल सकते हैं, इसलिए सटीक जानकारी के लिए संबंधित विभागों से संपर्क करें।

Amit is the founder of Just Newson, with over 5 years of experience in blogging. He specializes in providing reliable updates on government schemes (Sarkari Yojana) and trending news. Amit is committed to delivering accurate, actionable, and well-researched content that helps readers stay informed about important government initiatives.

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