2025 से जमीन रजिस्ट्री के नियमों में बड़े बदलाव आए हैं। जानें डिजिटल रजिस्ट्रेशन, आधार लिंकिंग, और ULPIN जैसे नियमों की पूरी जानकारी।
भारत सरकार ने प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में कई बड़े बदलाव किए हैं, जो 2025 से लागू होने वाले हैं। इन नियमों का उद्देश्य रजिस्ट्री को अधिक पारदर्शी, सुरक्षित, और आधुनिक बनाना है।
इन परिवर्तनों के साथ न केवल रजिस्ट्री प्रक्रिया में सुधार होगा, बल्कि यह फर्जी रजिस्ट्रेशन और विवादों को भी कम करेगा। आइए जानते हैं इन नए नियमों और उनके लाभों के बारे में विस्तार से।
जमीन रजिस्ट्री के नए नियम 2025: मुख्य विशेषताएं
विवरण | जानकारी |
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योजना का नाम | जमीन रजिस्ट्री 2025 |
लागू होने की तिथि | 1 जनवरी, 2025 |
उद्देश्य | पारदर्शिता और सुरक्षा बढ़ाना |
लाभार्थी | सभी प्रॉपर्टी खरीदार और विक्रेता |
प्रमुख बदलाव | डिजिटल रजिस्ट्रेशन, आधार लिंकिंग, ऑनलाइन फीस भुगतान |
लागू क्षेत्र | पूरे भारत में |
नोडल मंत्रालय | भूमि संसाधन मंत्रालय |
नए नियमों के प्रमुख बदलाव
1. डिजिटल रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया
अब प्रॉपर्टी रजिस्ट्री पूरी तरह से डिजिटल होगी।
- कागजी प्रक्रिया की जगह कंप्यूटर और इंटरनेट का उपयोग।
- ऑनलाइन दस्तावेज अपलोड और डिजिटल सर्टिफिकेट जारी।
- रजिस्ट्री प्रक्रिया तेज और भ्रष्टाचार मुक्त।
2. आधार कार्ड से लिंकिंग
रजिस्ट्रेशन को आधार कार्ड से जोड़ना अनिवार्य होगा।
- बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन किया जाएगा।
- फर्जी रजिस्ट्री और बेनामी संपत्तियों पर रोक लगेगी।
3. वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य
रजिस्ट्री के दौरान पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी।
- खरीदार और विक्रेता के बयान रिकॉर्ड होंगे।
- यह वीडियो भविष्य में किसी विवाद के लिए सबूत के रूप में काम करेगा।
4. ऑनलाइन फीस भुगतान
रजिस्ट्री फीस का भुगतान अब पूरी तरह से ऑनलाइन होगा।
- UPI, क्रेडिट कार्ड और नेट बैंकिंग जैसे विकल्प।
- नकद लेनदेन समाप्त।
ULPIN: Unique Land Parcel Identification Number
ULPIN (भू-आधार) प्रत्येक प्रॉपर्टी को एक यूनिक आईडी देगा।
- प्रॉपर्टी की सटीक लोकेशन और मालिक की जानकारी।
- प्रॉपर्टी विवादों का समाधान आसान।
- डिजास्टर मैनेजमेंट में भी उपयोगी।
नई रजिस्ट्री प्रक्रिया: Step-by-Step Guide
2025 में नई प्रक्रिया इस प्रकार होगी:
- ऑनलाइन आवेदन: सरकारी पोर्टल पर जाएं और आवेदन करें।
- दस्तावेज अपलोड करें: आधार कार्ड, पैन कार्ड, प्रॉपर्टी डॉक्यूमेंट्स।
- शुल्क भुगतान: ऑनलाइन माध्यम से फीस का भुगतान करें।
- सत्यापन: दस्तावेजों की ऑनलाइन जांच।
- बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन: रजिस्ट्रार कार्यालय में सत्यापन।
- डिजिटल सर्टिफिकेट: प्रक्रिया पूरी होने के बाद जारी।
आवश्यक दस्तावेज
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- प्रॉपर्टी डॉक्यूमेंट्स (सेल डीड, टाइटल डीड आदि)
- रेवेन्यू रिकॉर्ड्स
- म्युनिसिपल टैक्स रसीदें
बदलावों के लाभ
- फर्जी रजिस्ट्री की रोकथाम।
- प्रक्रिया में पारदर्शिता और समय की बचत।
- विवादों का समाधान आसान।
- सरकार को राजस्व हानि से बचाव।
Disclaimer
इस लेख में दी गई जानकारी सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। पाठकों से अनुरोध है कि वे किसी भी निर्णय से पहले सरकारी स्रोतों से पुष्टि करें।