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Mumbai Local Stations Renamed: 7 स्टेशनों को मिला नया नाम, जानें कौन-कौन से बदले गए

मुंबई के 7 लोकल रेलवे स्टेशनों के नाम बदले गए। जानें नए नाम, बदलाव की वजह और इसका यात्रियों पर प्रभाव।

मुंबई, भारत की आर्थिक राजधानी, अपने लोकल ट्रेन नेटवर्क के लिए जानी जाती है। यह नेटवर्क न केवल शहर के लाखों यात्रियों को जोड़ता है, बल्कि मुंबई की पहचान का एक अहम हिस्सा भी है। हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई के सात प्रमुख लोकल रेलवे स्टेशनों के नाम बदलने का फैसला किया है।

यह निर्णय शहर की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को सम्मानित करने और स्थानीय पहचान को मजबूत करने के उद्देश्य से लिया गया है। इन नए नामों का उद्देश्य ब्रिटिश-युग के नामों को हटाकर स्थानीय इतिहास, धार्मिक महत्व और सांस्कृतिक धरोहर को उजागर करना है।

आइए जानते हैं इन स्टेशनों के नए नाम और उनके पीछे की वजह।

बदले गए स्टेशन और उनके नए नाम

नीचे दिए गए टेबल में उन सात स्टेशनों के पुराने और नए नाम दिए गए हैं:

पुराना नामनया नाम
Currey Roadलालबाग (Lalbaug)
Sandhurst Roadडोंगरी (Dongri)
Marine Linesमुंबादेवी (Mumbadevi)
Charni Roadगिरगांव (Girgaon)
Cotton Greenकालाचौकी (Kalachowki)
Dockyard Roadमाझगांव (Mazgaon)
King’s Circleतीर्थंकर पार्श्वनाथ (Tirthankar Parswanath)

नाम बदलने के पीछे कारण

मुंबई के कई रेलवे स्टेशन ब्रिटिश शासन के दौरान बनाए गए थे और उनके नाम भी अंग्रेजी में थे। ये नाम अक्सर उस समय की उपनिवेशवादी मानसिकता को दर्शाते थे। सरकार का मानना है कि इन नामों को बदलकर स्थानीय संस्कृति, धार्मिक स्थलों और ऐतिहासिक धरोहर को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

🔹 ब्रिटिश-युग की विरासत को हटाना: पुराने अंग्रेजी नामों को हटाकर स्थानीय भाषाओं और संस्कृति को सम्मान देने के लिए यह कदम उठाया गया।
🔹 स्थानीय पहचान को बढ़ावा देना: नए नाम उन क्षेत्रों और धार्मिक स्थलों से जुड़े हैं, जो मुंबई की पहचान हैं।
🔹 धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व:

मुंबादेवी – यह नाम मुंबई की संरक्षक देवी मुंबादेवी मंदिर से लिया गया है।
लालबाग – यह क्षेत्र अपने गणपति उत्सव और मराठी संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है।
तीर्थंकर पार्श्वनाथ – जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर पार्श्वनाथ जी के सम्मान में यह नाम दिया गया है।

स्टेशन रिनेमिंग प्रक्रिया

यह निर्णय महाराष्ट्र सरकार द्वारा लिया गया, जिसमें मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने अहम भूमिका निभाई।

✅ इस प्रस्ताव को राज्य विधानमंडल में सर्वसम्मति से पारित किया गया।
✅ इसे केंद्र सरकार की मंजूरी के लिए भेजा गया है।

📌 मुंबई में पहले भी स्टेशनों के नाम बदले गए हैं:

पुराना नामनया नाम
विक्टोरिया टर्मिनस (VT)छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT)
एल्फिन्स्टन रोडप्रभादेवी
ओशिवाराराम मंदिर

मुंबई लोकल स्टेशन रिनेमिंग का प्रभाव

📌 1. यात्रियों पर प्रभाव
➡ नए नामों के कारण यात्रियों को शुरुआती दिनों में परेशानी हो सकती है।
➡ रेलवे प्रशासन ने सभी प्लेटफॉर्म, संकेतक और डिजिटल डिस्प्ले पर नए नाम अपडेट करने की योजना बनाई है।

📌 2. स्थानीय गर्व
➡ इन बदलावों से स्थानीय निवासियों में गर्व की भावना बढ़ेगी, क्योंकि यह उनके क्षेत्रीय इतिहास और पहचान को दर्शाता है।

📌 3. पर्यटन पर प्रभाव
➡ धार्मिक स्थलों से जुड़े नए नाम पर्यटकों को आकर्षित कर सकते हैं, जिससे पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

मुंबई में स्टेशनों के नाम बदलने की प्रक्रिया 1995 से शुरू हुई, जब बॉम्बे का नाम बदलकर मुंबई रखा गया।

भारत में अन्य स्थानों के बदले गए नाम:

पुराना नामनया नाम
इलाहाबादप्रयागराज
हौशंगाबादनर्मदापुरम
बाबईमाखन नगर

📌 महत्वपूर्ण तथ्य:

✅ महाराष्ट्र सरकार ने इस प्रस्ताव को मार्च 2024 में मंजूरी दी थी।
✅ यह बदलाव पश्चिमी, मध्य और हार्बर रेलवे लाइनों पर लागू होंगे।
✅ केंद्र सरकार से अंतिम मंजूरी मिलना बाकी है।

निष्कर्ष

मुंबई लोकल स्टेशनों के नाम बदलने का यह कदम शहर की सांस्कृतिक धरोहर और स्थानीय पहचान को उजागर करने के लिए लिया गया है।

➡ यह न केवल स्थानीय निवासियों को गर्व महसूस कराएगा, बल्कि मुंबई की ऐतिहासिक धरोहर को भी संरक्षित करेगा।

📌 क्या आपको यह बदलाव पसंद आया? हमें अपनी राय कमेंट में बताएं!

Disclaimer

यह लेख केवल सूचना प्रदान करने के उद्देश्य से लिखा गया है। स्टेशन रिनेमिंग प्रक्रिया अभी केंद्र सरकार की मंजूरी पर निर्भर करती है।

Amit is the founder of Just Newson, with over 5 years of experience in blogging. He specializes in providing reliable updates on government schemes (Sarkari Yojana) and trending news. Amit is committed to delivering accurate, actionable, and well-researched content that helps readers stay informed about important government initiatives.

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