जानें 2025 से लागू होने वाली नई शिक्षा नीति के अंतर्गत स्कूली और उच्च शिक्षा में बदलाव, डिजिटल शिक्षा पर जोर, नई डिग्री प्रणाली, और छात्रों के लिए लाभकारी गाइडलाइंस।
भारत सरकार ने 2025 से लागू होने वाली नई शिक्षा नीति (New Education Policy) के तहत स्कूली और उच्च शिक्षा में व्यापक बदलावों की घोषणा की है। यह बदलाव शिक्षा को अधिक लचीला, रोजगारपरक और डिजिटल बनाकर छात्रों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से किए जा रहे हैं।
इन नई गाइडलाइंस से छात्रों को अपनी रुचियों के अनुसार विषयों को चुनने, मल्टीडिसिप्लिनरी पढ़ाई करने और डिजिटल माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। आइए, इन बदलावों को विस्तार से समझते हैं।
नई शिक्षा नीति 2025 के मुख्य बिंदु
विशेषता | विवरण |
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शिक्षा का ढांचा | 5+3+3+4 का नया ढांचा लागू |
भाषा नीति | मातृभाषा में शिक्षा पर जोर |
मल्टीडिसिप्लिनरी लर्निंग | विषयों के बीच की दीवारें खत्म |
बोर्ड परीक्षाएं | साल में दो बार परीक्षा देने का विकल्प |
उच्च शिक्षा | एक साथ कई डिग्रियां करने की छूट |
व्यावसायिक शिक्षा | कक्षा 6 से ही व्यावसायिक शिक्षा शुरू |
डिजिटल शिक्षा | ऑनलाइन संसाधनों और वर्चुअल लैब्स पर जोर |
स्कूली शिक्षा में क्या बदलाव होंगे?
1. नया 5+3+3+4 शिक्षा ढांचा
- पुराना ढांचा: 10+2 प्रणाली
- नया ढांचा:
- फाउंडेशनल स्टेज (3-8 वर्ष): खेल और गतिविधि आधारित शिक्षा।
- प्रिपरेटरी स्टेज (8-11 वर्ष): मूलभूत ज्ञान और कौशल।
- मिडिल स्टेज (11-14 वर्ष): प्रयोगात्मक और प्रोजेक्ट आधारित पढ़ाई।
- सेकेंडरी स्टेज (14-18 वर्ष): विषय आधारित पढ़ाई और बोर्ड परीक्षा।
2. भाषा नीति
- कक्षा 5 तक शिक्षा मातृभाषा या स्थानीय भाषा में दी जाएगी।
- छात्रों को त्रिभाषा फॉर्मूला के तहत विभिन्न भाषाएं सीखने का अवसर मिलेगा।
- क्लासिकल भाषाओं और संस्कृत को वैकल्पिक रूप से पढ़ने का विकल्प।
उच्च शिक्षा में लचीलापन और अवसर
1. मल्टीपल एंट्री-एग्जिट सिस्टम
- छात्र किसी भी समय अपनी पढ़ाई को रोककर पुनः शुरू कर सकते हैं।
- Academic Bank of Credit (ABC) से छात्रों के क्रेडिट सुरक्षित रहेंगे।
2. मल्टीडिसिप्लिनरी लर्निंग
- अब छात्र विज्ञान, कला और व्यावसायिक विषयों का संयोजन कर सकेंगे।
- लचीलापन और रोजगारपरक कौशल विकसित करने पर जोर।
3. नई डिग्री प्रणाली
- 3 या 4 वर्ष की अंडरग्रेजुएट डिग्री।
- छात्रों को 12वीं के बाद किसी भी विषय में प्रवेश की छूट, चाहे उनका पिछला विषय कोई भी रहा हो।
डिजिटल शिक्षा का विस्तार
- DIKSHA प्लेटफॉर्म पर मुफ्त ई-कंटेंट और कोर्स उपलब्ध होंगे।
- वर्चुअल लैब्स की स्थापना से छात्र व्यावहारिक शिक्षा में भाग ले सकेंगे।
- दूरदराज के छात्रों को ऑनलाइन संसाधनों का फायदा।
बोर्ड परीक्षाओं और मूल्यांकन में बदलाव
- छात्र साल में दो बार परीक्षा दे सकेंगे, और सर्वश्रेष्ठ स्कोर को मान्यता दी जाएगी।
- समझ आधारित मूल्यांकन पर जोर, जिससे रटने की प्रक्रिया कम होगी।
- Continuous Assessment प्रणाली से छात्रों का समग्र विकास सुनिश्चित किया जाएगा।
व्यावसायिक शिक्षा और कौशल विकास
- कक्षा 6 से छात्रों को व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- इंटर्नशिप और अप्रेंटिसशिप के अवसर।
- 2025 तक 50% छात्रों को व्यावसायिक शिक्षा से जोड़ने का लक्ष्य।
नई शिक्षा नीति से लाभ
छात्रों के लिए फायदे:
- पसंद के अनुसार विषय चुनने की आजादी।
- रोजगारपरक और व्यावहारिक शिक्षा।
- डिजिटल प्लेटफॉर्म से गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई।
- मल्टीपल डिग्री और एंट्री-एग्जिट का विकल्प।
समाज और देश के लिए लाभ:
- शोध और नवाचार को बढ़ावा।
- शिक्षा में क्षेत्रीय और डिजिटल अंतर को कम करना।
- अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षा प्रणाली।
नई शिक्षा नीति से जुड़ी चुनौतियां
- शिक्षकों का डिजिटल प्रशिक्षण और नई शिक्षण विधियों का विकास।
- ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल डिवाइड को पाटना।
- नई मूल्यांकन प्रणाली को प्रभावी ढंग से लागू करना।
समावेशी शिक्षा पर जोर
- दिव्यांग छात्रों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए विशेष सुविधाएं।
- ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा।
- छात्रवृत्ति और वित्तीय सहायता योजनाओं का विस्तार।
Disclaimer
यह लेख भारत सरकार की नई शिक्षा नीति 2025 के प्रस्तावित बदलावों पर आधारित है। कृपया अधिकृत जानकारी के लिए आधिकारिक शिक्षा विभाग की वेबसाइट या अपने स्कूल/कॉलेज से संपर्क करें।
Source: अमित, www.justnewson.com