Rent Control Act 2025 के तहत किराएदारों को 7 बड़े कानूनी अधिकार मिले हैं। अब बिना कारण और नोटिस के मकान खाली नहीं कराया जा सकेगा। जानें नया रेंट कानून और Supreme Court का फैसला।
भारत में मकान मालिक और किराएदारों के बीच अक्सर विवाद होते रहते हैं। कभी किराया समय पर देने के बावजूद किराएदारों को परेशान किया जाता है, तो कभी मकान मालिक को कब्जे का डर सताता है। अब सरकार और सुप्रीम कोर्ट ने इस समस्या का स्थायी समाधान निकालते हुए Rent Control Act 2025 और कोर्ट के फैसलों के तहत किराएदारों को मजबूत कानूनी अधिकार दे दिए हैं।
Rent Control Act 2025 और Supreme Court के अहम फैसले
जानकारी | विवरण |
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नया कानून | Rent Control Act 2025 + Supreme Court Judgement |
लागू तिथि | 2025 |
मुख्य अधिकार | निजता, सुविधाएं, नोटिस, सिक्योरिटी राशि |
रेंट एग्रीमेंट | रजिस्टर्ड एग्रीमेंट अनिवार्य |
मकान खाली कराने का नियम | बिना कारण और नोटिस नहीं खाली कराया जा सकता |
सिक्योरिटी राशि | नुकसान न होने पर पूरी वापसी |
परिवार की सुरक्षा | किराएदार की मृत्यु पर परिवार को अधिकार |
किराएदारों के 7 बड़े कानूनी अधिकार
- निजता का अधिकार: मकान मालिक बिना पूर्व सूचना के किराएदार के घर में प्रवेश नहीं कर सकता।
- बिना कारण खाली कराने पर रोक: सिर्फ कानूनी कारणों जैसे किराया न देना, नुकसान पहुंचाना आदि पर ही मकान खाली कराया जा सकता है।
- सुविधाएं देना अनिवार्य: मकान में बिजली, पानी, शौचालय जैसी सुविधाएं देना मालिक की जिम्मेदारी होगी।
- रजिस्टर्ड रेंट एग्रीमेंट: बिना रजिस्ट्रेशन के कोई रेंट एग्रीमेंट मान्य नहीं होगा। सभी एग्रीमेंट रजिस्टर्ड होने अनिवार्य हैं।
- सिक्योरिटी राशि की वापसी: मकान खाली करने पर अगर कोई नुकसान नहीं है, तो पूरी सिक्योरिटी राशि वापस करनी होगी।
- परिवार का अधिकार: किराएदार की मृत्यु के बाद उसका परिवार रेंट एग्रीमेंट के अनुसार मकान में रह सकता है।
- कानूनी सुरक्षा: सभी विवाद सिर्फ रजिस्टर्ड एग्रीमेंट के आधार पर ही कोर्ट में मान्य होंगे।
सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला
- अगर कोई किराएदार 10 साल या उससे अधिक समय से रह रहा है और किराया नियमित दे रहा है, तो कुछ मामलों में मालिकाना हक का दावा कर सकता है।
- सभी रिकॉर्ड (रसीदें, बैंक स्टेटमेंट) होने जरूरी हैं।
- यह फैसला किराएदार को अस्थायी मेहमान नहीं बल्कि कानूनी अधिकार वाला नागरिक मानता है।
मकान मालिक के अधिकार
- तय तारीख पर किराया लेने का अधिकार।
- रेंट एग्रीमेंट की शर्तों का पालन करवाना।
- कानूनी प्रक्रिया और नोटिस के बाद ही बेदखली करना।
- कोर्ट के आदेश के बिना जबरन खाली कराना अवैध होगा।
रेंट एग्रीमेंट रजिस्ट्रेशन के नए नियम
पुराने नियम | नए नियम (2025) |
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₹100 के स्टाम्प पेपर पर अनरजिस्टर्ड एग्रीमेंट | हर एग्रीमेंट रजिस्टर्ड अनिवार्य |
11 महीने से कम अवधि पर छूट | सभी अवधि के लिए लागू |
बिना रजिस्ट्रेशन भी मान्य | बिना रजिस्ट्रेशन अवैध, भारी जुर्माना |
विवाद की स्थिति में समाधान
- रजिस्टर्ड एग्रीमेंट होने पर सीधे कोर्ट में न्याय मिलेगा।
- बिना रजिस्ट्रेशन विवाद होने पर कानूनी स्थिति कमजोर हो सकती है।
- सभी शर्तें लिखित में रखें और किराए का बैंक रिकॉर्ड बनाएं।
किराएदार और मकान मालिक दोनों के लिए जरूरी बातें
- रेंट एग्रीमेंट हमेशा रजिस्टर्ड करवाएं।
- मकान खाली कराने के लिए कानूनी नोटिस दें और कोर्ट से आदेश लें।
- किराएदार को सभी मूलभूत सुविधाएं देना मालिक का कर्तव्य है।
- सिक्योरिटी राशि सही स्थिति में पूरी लौटानी होगी।
- झूठे विवादों से बचने के लिए सभी बातों को लिखित में रखें।
निष्कर्ष
2025 के नए रेंटल राइट्स और सुप्रीम कोर्ट के फैसलों ने भारत में किराएदारों को कानूनी सुरक्षा दे दी है। अब मकान मालिक बिना कारण और नोटिस के मकान खाली नहीं करा सकते।
किराएदार और मकान मालिक दोनों के अधिकार और जिम्मेदारियां स्पष्ट हो चुकी हैं। अगर आप किराए पर रह रहे हैं या मकान दे रहे हैं, तो रजिस्टर्ड एग्रीमेंट जरूर बनवाएं और कानून का पालन करें।
Disclaimer:
यह जानकारी Rent Control Act 2025, सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसलों और सरकारी दिशा-निर्देशों पर आधारित है। राज्यों के हिसाब से कुछ नियमों में भिन्नता हो सकती है। किसी भी कानूनी विवाद की स्थिति में वकील या विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।