अगर आप प्रॉपर्टी खरीदने या जमीन की रजिस्ट्री कराने की सोच रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है। केंद्र और राज्य सरकारों ने मिलकर 1 जुलाई 2025 से रजिस्ट्री की प्रक्रिया को पारदर्शी, तेज और डिजिटल बनाने के लिए चार बड़े नियमों में बदलाव किए हैं।
ये बदलाव संपत्ति खरीदारों और विक्रेताओं दोनों के लिए राहत लेकर आए हैं — जिससे फर्जीवाड़े पर रोक लगेगी, समय बचेगा और रजिस्ट्री प्रक्रिया अधिक विश्वसनीय बनेगी।
क्या हैं ये 4 बड़े बदलाव?
1. आधार सत्यापन अब अनिवार्य
अब जमीन या फ्लैट की रजिस्ट्री के लिए आधार कार्ड का बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया गया है।
इससे क्या होगा?
- फर्जी पहचान का इस्तेमाल रुक जाएगा
- संपत्ति घोटालों में कमी आएगी
- बिचौलियों की भूमिका घटेगी
अगर आपके पास आधार नहीं है, तो OTP आधारित वैकल्पिक पहचान की व्यवस्था भी उपलब्ध कराई गई है।
2. सभी दस्तावेज़ अब ऑनलाइन अपलोड होंगे
अब रजिस्ट्री प्रक्रिया के लिए जरूरी दस्तावेज़ों को ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड किया जा सकता है, जिससे सब-रजिस्ट्रार कार्यालय के फिजिकल चक्कर से मुक्ति मिलेगी।
कौन-कौन से दस्तावेज़ अपलोड होंगे?
आवश्यक दस्तावेज़ | उद्देश्य |
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बिक्री अनुबंध (Sale Deed) | संपत्ति सौदे का कानूनी आधार |
आधार / पहचान पत्र | खरीदार व विक्रेता की पहचान |
संपत्ति कर की रसीद | वैधता और स्वामित्व प्रमाण |
NOC / पूर्व मालिकाना दस्तावेज़ | स्वीकृति और विरासत की पुष्टि |
डिजिटल अपलोड से प्रक्रिया तेज और पेपरलेस बन गई है।
3. स्टाम्प ड्यूटी और फीस का डिजिटल भुगतान
अब स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस का भुगतान UPI, नेट बैंकिंग, डेबिट कार्ड के माध्यम से किया जा सकेगा।
इससे होने वाले फायदे:
- रसीद तुरंत मिलेगी
- बिचौलियों की कटौती से बचाव
- डिजिटल ट्रांजैक्शन का रिकॉर्ड हमेशा उपलब्ध रहेगा
अब बैंक की लाइन में खड़े होने की जरूरत नहीं है।
4. ई-कॉपी रजिस्ट्री अब तुरंत मिलेगी
अब रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूरी होते ही खरीदार और विक्रेता को डिजिटल रूप में ई-सर्टिफिकेट मिल जाएगा, जिसे कभी भी कहीं से भी डाउनलोड किया जा सकता है।
इससे क्या मिलेगा फायदा?
- कागज़ी दस्तावेज़ खोने का खतरा नहीं
- डिजिटल दस्तावेज़ को कोर्ट और बैंक में मान्यता
- भविष्य में प्रमाण के रूप में इस्तेमाल आसान
किसे होगा सबसे ज्यादा फायदा?
लाभार्थी समूह | लाभ |
---|---|
पहली बार प्रॉपर्टी खरीदने वाले | पारदर्शी प्रक्रिया और आसान रजिस्ट्रेशन |
ग्रामीण इलाकों के लोग | ऑनलाइन सुविधा से समय की बचत |
एनआरआई / दूर-दराज के खरीदार | दूर बैठकर भी पूरी प्रक्रिया संभव |
महिलाएं व सीनियर सिटीजन्स | बिना बिचौलिए, सुरक्षित रजिस्ट्रेशन |
कानूनी मान्यता और सुधार
इन बदलावों को भारतीय रजिस्ट्रेशन अधिनियम, 1908 और आईटी अधिनियम, 2000 में संशोधन करके लागू किया गया है।
अब डिजिटल दस्तावेज़ और बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन को कानूनी मान्यता प्राप्त है।
क्या-क्या सावधानियां जरूरी हैं?
- सभी दस्तावेज़ों को PDF फॉर्मेट में पहले से स्कैन करके रखें
- जानकारी दर्ज करते समय गलतियों से बचें
- रजिस्ट्री के समय आधार नंबर अपडेट हो
- डिजिटल सिग्नेचर व पेमेंट रसीद को सुरक्षित रखें
आम जनता की प्रतिक्रिया
- “अब रजिस्ट्री 2 घंटे में पूरी हो गई”, – एक खरीदार
- “भ्रष्टाचार में बड़ी गिरावट आई है”, – प्रॉपर्टी डीलर
- “अब फर्जी दस्तावेज़ का डर नहीं”, – वकील संघ
निष्कर्ष
1 जुलाई 2025 से लागू हुए रजिस्ट्री के ये 4 बड़े बदलाव भारत में रियल एस्टेट की दुनिया में एक क्रांतिकारी सुधार की तरह हैं। यह न सिर्फ प्रक्रिया को सरल बनाते हैं, बल्कि खरीदारों और विक्रेताओं दोनों के लिए पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं।
अब प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री कराना पहले से कहीं आसान, तेज़ और भरोसेमंद हो गया है।
अगर आप प्रॉपर्टी खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो ये नए नियम आपके लिए बड़ा फायदा साबित हो सकते हैं।