2025 में बैंकिंग नियमों में बड़े बदलाव हुए हैं! SBI, PNB, और कैनरा बैंक खाताधारकों के लिए नए नियम जानें, निष्क्रिय खातों, KYC अपडेट, UPI लिमिट और FD नियमों में हुए संशोधनों की पूरी जानकारी यहाँ पढ़ें।
2025 की शुरुआत के साथ भारतीय बैंकिंग सेक्टर में कई अहम बदलाव हुए हैं। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने कुछ नए नियम लागू किए हैं जो SBI, PNB, कैनरा बैंक और अन्य बैंकों के खाताधारकों को प्रभावित करेंगे। इन बदलावों का मुख्य उद्देश्य बैंकिंग सुरक्षा को बढ़ाना, धोखाधड़ी रोकना और सेवाओं की दक्षता में सुधार करना है।
इस लेख में हम इन नए नियमों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे और यह भी बताएंगे कि खाताधारकों को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। यदि आप किसी भी बैंक के ग्राहक हैं, तो यह जानकारी आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
बैंकिंग नियमों में बदलाव: एक नज़र में
नियम | विवरण |
---|---|
निष्क्रिय खाते | 12 महीने तक लेन-देन न करने वाले खाते निष्क्रिय माने जाएंगे। |
डॉर्मेंट खाते | 2 साल से अधिक निष्क्रिय रहने वाले खाते डॉर्मेंट माने जाएंगे। |
शून्य बैलेंस खाते | लंबे समय तक शून्य बैलेंस रहने पर खाते बंद किए जा सकते हैं। |
KYC अपडेट | सभी खाताधारकों को अपने KYC दस्तावेज अपडेट करने होंगे। |
फिक्स्ड डिपॉजिट नियम | NBFC और HFC के साथ FD निवेश के लिए नए नियम लागू। |
UPI लिमिट | दैनिक UPI लेनदेन की सीमा बढ़ाई गई। |
1. निष्क्रिय और डॉर्मेंट खातों के लिए नए नियम
RBI के नए दिशानिर्देशों के अनुसार:
✅ निष्क्रिय खाता (Inactive Account):
- यदि 12 महीने तक कोई लेन-देन नहीं होता, तो खाता निष्क्रिय हो जाएगा।
- निष्क्रिय खातों पर कुछ बैंकिंग सेवाएं प्रतिबंधित हो सकती हैं।
- खाता फिर से सक्रिय करने के लिए कम से कम एक लेन-देन करना अनिवार्य होगा।
✅ डॉर्मेंट खाता (Dormant Account):
- 2 साल तक कोई गतिविधि न होने पर खाता डॉर्मेंट घोषित होगा।
- डॉर्मेंट खातों पर बैंकिंग सेवाएं लगभग बंद हो जाएंगी।
- इसे फिर से सक्रिय करने के लिए बैंक जाकर KYC अपडेट कराना होगा।
➡️ सलाह: खाताधारकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने खातों में समय-समय पर लेन-देन करें ताकि उनका खाता सक्रिय बना रहे।
2. शून्य बैलेंस खातों के लिए नए नियम
RBI ने शून्य बैलेंस वाले खातों को लेकर भी सख्त नियम लागू किए हैं।
✅ मुख्य नियम:
- लंबे समय तक शून्य बैलेंस रहने वाले खाते बंद किए जा सकते हैं।
- कुछ बैंकों द्वारा शून्य बैलेंस पर अतिरिक्त शुल्क लगाया जा सकता है।
- खाताधारकों को न्यूनतम बैलेंस बनाए रखने की सलाह दी जाती है।
➡️ सलाह: सुनिश्चित करें कि आपके खाते में न्यूनतम राशि बनी रहे ताकि इसे बंद होने से बचाया जा सके।
3. KYC अपडेट की अनिवार्यता
RBI ने सभी बैंक खाताधारकों के लिए नियमित रूप से KYC (Know Your Customer) अपडेट करना अनिवार्य कर दिया है।
✅ KYC अपडेट के लिए जरूरी दस्तावेज:
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- पासपोर्ट साइज फोटो
- पता प्रमाण (बिजली बिल, वोटर आईडी आदि)
➡️ सलाह: यदि आप समय पर KYC अपडेट नहीं कराते हैं, तो बैंक आपके खाते को फ्रीज कर सकता है। इसलिए, अपने दस्तावेज अपडेट रखें।
4. फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) के लिए नए नियम
गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (HFC) के साथ FD पर नए नियम लागू किए गए हैं।
✅ नए नियम:
- FD की समय से पहले निकासी की प्रक्रिया सरल बनाई गई है।
- NBFC और HFC को अधिक पारदर्शिता रखनी होगी।
- FD पर ब्याज दरों में बदलाव की जानकारी ग्राहकों को पहले देनी होगी।
➡️ सलाह: फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करने से पहले अपने बैंक की नवीनतम शर्तों को जरूर पढ़ें।
5. UPI लेनदेन की सीमा में बदलाव
UPI के जरिए डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए RBI ने नई लिमिट तय की है।
✅ नए नियम:
- दैनिक UPI लेनदेन की सीमा बढ़ाकर ₹1 लाख कर दी गई है।
- एक बार में अधिकतम ₹20,000 तक का ट्रांजैक्शन किया जा सकता है।
- UPI लाइट के लिए अलग सीमाएं निर्धारित की गई हैं।
➡️ सलाह: यदि आप UPI का अधिक इस्तेमाल करते हैं, तो अपने बैंक से इसकी नई लिमिट के बारे में पूरी जानकारी लें।
SBI, PNB और कैनरा बैंक के लिए विशेष नियम
बैंक | नए नियम |
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SBI | सेविंग्स अकाउंट की ब्याज दरों में बदलाव, 10 करोड़ से कम बैलेंस पर 2.70% ब्याज। |
PNB | फिक्स्ड डिपॉजिट की ब्याज दरें 3.50% से 7.75% तक तय। |
कैनरा बैंक | लोन की ब्याज दरों में संशोधन, 1 साल की MCLR 9.10%। |
➡️ सलाह: यदि आप इन बैंकों के ग्राहक हैं, तो ब्याज दरों और शुल्क की नई शर्तों को जरूर पढ़ें।
खाताधारकों के लिए ज़रूरी सुझाव
✔ नियमित लेन-देन करें – हर 3 महीने में कम से कम एक लेन-देन करें।
✔ KYC अपडेट रखें – अपने दस्तावेजों को समय-समय पर अपडेट करें।
✔ न्यूनतम बैलेंस बनाए रखें – खाते में शून्य बैलेंस न रहने दें।
✔ बैंक स्टेटमेंट चेक करें – कोई अनधिकृत लेन-देन तो नहीं हुआ, इसकी निगरानी करें।
✔ साइबर फ्रॉड से बचें – OTP और पासवर्ड किसी के साथ साझा न करें।
अस्वीकरण:
यह लेख केवल जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से लिखा गया है। बैंकिंग नियम समय-समय पर बदलते रहते हैं, इसलिए नवीनतम जानकारी के लिए अपने बैंक की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं या बैंक प्रतिनिधि से संपर्क करें। इस लेख में दी गई जानकारी के आधार पर किए गए किसी भी निर्णय के लिए लेखक या प्रकाशक उत्तरदायी नहीं होंगे।