बिहार सरकार ने स्कूल टाइमिंग में बदलाव किया है। अब सभी सरकारी स्कूल सुबह 9:30 से शाम 4:00 बजे तक संचालित होंगे। जानें नया शेड्यूल, कारण और क्या होंगे इसके प्रभाव।
बिहार में गर्मी की छुट्टियों के बाद अब सरकारी स्कूलों के संचालन समय में बड़ा बदलाव किया गया है। पहले जहां स्कूल प्रातः कालीन शेड्यूल में सुबह 6:30 से दोपहर 12:30 बजे तक संचालित हो रहे थे, वहीं अब नया टाइम टेबल लागू कर दिया गया है। 23 जून 2025 से स्कूलों का संचालन सुबह 9:30 बजे से लेकर शाम 4:00 बजे तक किया जाएगा।
माध्यमिक शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी आदेश के बाद यह समय-सारणी राज्य के सभी 81000 से अधिक सरकारी विद्यालयों पर लागू होगी। इसमें प्राथमिक, मध्य और उच्च माध्यमिक स्कूल शामिल हैं।
क्यों किया गया स्कूल समय में बदलाव?
स्कूल टाइमिंग में बदलाव का मुख्य उद्देश्य छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए अधिक समय देना है। छुट्टियों के बाद जब स्कूल फिर से खुले हैं तो सरकार की मंशा है कि शैक्षणिक सत्र को अधिक प्रभावी तरीके से संचालित किया जाए।
गर्मी के मौसम में सुबह के शेड्यूल को अपनाया गया था ताकि बच्चों को लू और अधिक तापमान से बचाया जा सके, लेकिन अब मौसम में सुधार को देखते हुए नया समय लागू किया गया है।
नया स्कूल टाइमिंग शेड्यूल
विवरण | समय |
---|---|
पहले का समय (ग्रीष्मकालीन) | सुबह 6:30 बजे – दोपहर 12:30 बजे |
नया समय (23 जून से लागू) | सुबह 9:30 बजे – शाम 4:00 बजे |
कुल समय | 6 घंटे 30 मिनट से बढ़ाकर 7 घंटे |
नया समय छात्रों और शिक्षकों दोनों के लिए अनिवार्य किया गया है।
किन स्कूलों पर लागू होगा नया टाइम टेबल?
यह नया शेड्यूल बिहार राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में लागू किया गया है:
- प्राथमिक विद्यालय (Class 1–5)
- मध्य विद्यालय (Class 6–8)
- उच्च माध्यमिक विद्यालय (Class 9–12)
आदेश किसने जारी किया?
बिहार माध्यमिक शिक्षा निदेशालय द्वारा राज्य के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों (DEO) को स्पष्ट आदेश भेजे गए हैं कि सभी सरकारी स्कूलों में यह नया टाइम टेबल लागू किया जाए। इसके अंतर्गत यह भी निर्देशित किया गया है कि:
- सभी प्रधानाध्यापक इस समय परिवर्तन को सुनिश्चित करें।
- शिक्षक और शिक्षण स्टाफ नियत समय तक विद्यालय में उपस्थित रहें।
- उपस्थिति और समयपालन पर निगरानी रखी जाए।
शिक्षकों को अब स्कूल में रुकना होगा 7 घंटे
सरकार के नए निर्देश के अनुसार अब शिक्षकों और स्टाफ को पूरे 7 घंटे तक स्कूल में उपस्थित रहना अनिवार्य होगा।
इस बदलाव के तहत:
- टीचिंग अवर्स में बढ़ोतरी की गई है ताकि सिलेबस समय पर पूरा हो सके।
- शिक्षकों को पहले की तुलना में अब अधिक समय तक स्कूल में रहकर बच्चों को पढ़ाना होगा।
- अतिरिक्त समय में छात्रों की शंकाओं का समाधान, समूह अध्ययन, और सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों का संचालन किया जाएगा।
अभिभावकों और शिक्षकों की प्रतिक्रिया
स्कूल टाइमिंग में इस बड़े बदलाव को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।
सकारात्मक पहलू:
- कई अभिभावकों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है।
- उनका मानना है कि इससे बच्चों को पढ़ाई के लिए पर्याप्त समय मिलेगा।
- स्कूल में पढ़ाई की गुणवत्ता में सुधार आएगा।
चिंता का विषय:
- कुछ शिक्षकों और माता-पिता ने दोपहर की गर्मी को लेकर चिंता जताई है।
- उनका कहना है कि छोटे बच्चों के लिए यह समय थोड़ा कठिन हो सकता है, खासकर जब स्कूलों में कूलिंग या वेंटिलेशन की सुविधा पर्याप्त नहीं होती।
सरकार का जवाब
बिहार सरकार ने साफ किया है कि:
- यह निर्णय मौसम को देखते हुए लिया गया है और यदि दोबारा तापमान अधिक बढ़ता है तो समीक्षा की जाएगी।
- जरूरत पड़ने पर स्कूल यूनिफॉर्म, पानी की सुविधा, छाया व साफ-सफाई को लेकर भी कदम उठाए जाएंगे।
बदलाव से होने वाले संभावित लाभ
लाभ | विवरण |
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पढ़ाई का समय बढ़ेगा | सिलेबस समय पर पूरा होने में मदद |
छात्र-शिक्षक संवाद बढ़ेगा | अतिरिक्त समय से बेहतर शिक्षा संबंध |
सह-पाठ्यक्रम गतिविधियां | अधिक समय मिलने से इनका संचालन होगा |
नियमितता और अनुशासन | पूरे दिन स्कूल में रहने से अनुशासन में सुधार |
निष्कर्ष
बिहार सरकार द्वारा स्कूल समय में बदलाव एक दूरदर्शी निर्णय है जिसका उद्देश्य राज्य की शैक्षणिक गुणवत्ता को सुधारना है। हालांकि, इसे लागू करते समय बच्चों की भलाई और स्वास्थ्य का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है।
सरकार को चाहिए कि स्कूलों में आवश्यक आधारभूत सुविधाओं को मजबूत करें ताकि यह समय परिवर्तन छात्रों के लिए एक सकारात्मक अनुभव बन सके।
यदि आप एक शिक्षक, अभिभावक या छात्र हैं, तो इस नए समय के अनुसार अपनी दिनचर्या को व्यवस्थित करें और शिक्षा के इस नए दौर में सहयोग दें।