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भाई की संपत्ति में बहन का हक: जानिए कानून क्या कहता है?

भारत जैसे पारंपरिक समाज में अक्सर यह माना जाता है कि संपत्ति केवल बेटों की होती है। लेकिन बदलते कानूनों और सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसलों ने इस सोच को बदल दिया है। अब बेटियों और बहनों को भी संपत्ति में समान अधिकार प्राप्त हैं।

इस लेख में हम विस्तार से समझेंगे कि:

  • भाई की संपत्ति में बहन का हक कब बनता है?
  • कौन-से कानून इसमें लागू होते हैं?
  • और किन परिस्थितियों में बहन को अधिकार नहीं मिलता?

हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 और 2005 का संशोधन

भारत में हिंदुओं के लिए उत्तराधिकार कानून को नियंत्रित करने वाला प्रमुख कानून है – Hindu Succession Act, 1956

2005 में हुए बड़े बदलाव:

  • बेटियों को कॉपार्सनर (सह-उत्तराधिकारी) का दर्जा मिला
  • उन्हें भी पैतृक संपत्ति में जन्म से अधिकार प्राप्त हो गया
  • शादीशुदा बेटियां भी संपत्ति की उत्तराधिकारी बन गईं

बहन को कब मिलता है भाई की संपत्ति में हक?

1. भाई की मृत्यु अविवाहित स्थिति में

अगर भाई अविवाहित है और बिना वसीयत के मरता है, तो उसकी संपत्ति माता-पिता, भाई-बहन सभी में बराबर बंटती है।

2. भाई की कोई संतान नहीं है

यदि शादीशुदा भाई की मृत्यु हो जाती है और उसकी कोई संतान नहीं है, तो पत्नी के साथ-साथ बहन भी संपत्ति में हिस्सा मांग सकती है।

3. वसीयत नहीं बनी है

अगर भाई ने संपत्ति के लिए कोई वसीयत (Will) नहीं छोड़ी है, तो संपत्ति का बंटवारा उत्तराधिकार कानून के तहत होता है, जिसमें बहन को हिस्सा मिल सकता है।

4. संपत्ति पैतृक हो

अगर संपत्ति पुश्तैनी है (दादा से मिली), तो उस पर भाई और बहन दोनों का बराबर का अधिकार होता है – चाहे भाई जीवित हो या मृत।

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला – 2020

सुप्रीम कोर्ट ने 2020 में एक ऐतिहासिक फैसला दिया:

“पैतृक संपत्ति में बेटी का बेटों के बराबर अधिकार है, भले ही पिता की मृत्यु 2005 से पहले हुई हो या बाद में।”

इस फैसले के अनुसार:

  • बेटी/बहन को जन्म से संपत्ति में अधिकार मिलता है
  • वह बिना किसी भेदभाव के संपत्ति में हिस्सा मांग सकती है
  • अगर उसे हिस्सा नहीं दिया गया, तो वह कोर्ट में दावा कर सकती है

बहन को किन दस्तावेजों की जरूरत होती है?

यदि बहन भाई की संपत्ति में अधिकार चाहती है, तो उसे निम्नलिखित दस्तावेज़ों की आवश्यकता होगी:

दस्तावेज़उपयोग
मृत्यु प्रमाण पत्रभाई के इंतकाल का प्रमाण
परिवार विवरणपारिवारिक सदस्यता का प्रमाण
पहचान पत्र (आधार, पैन)वैध पहचान के लिए
प्रॉपर्टी डॉक्यूमेंट्ससंपत्ति के स्वामित्व का प्रमाण
वसीयत (अगर हो)यह साबित करने के लिए कि वसीयत नहीं बनी या बहन को बाहर रखा गया है
वकील की मददकोर्ट में दावा दर्ज कराने के लिए

किन परिस्थितियों में बहन को हक नहीं मिलता?

परिस्थितिक्या बहन को हक मिलेगा?
भाई की संपत्ति स्वअर्जित है और उसने वसीयत बना दीनहीं
भाई ने संपत्ति किसी और को गिफ्ट कर दी हैनहीं
भाई ने संपत्ति पत्नी या बच्चों के नाम कर दीनहीं, जब तक वो पैतृक न हो

क्या शादीशुदा बहन को भी अधिकार मिलता है?

हां। कानून में ऐसा कहीं नहीं लिखा कि शादी के बाद बहन का हक खत्म हो जाता है। चाहे बहन शादीशुदा हो या न हो, उसे पैतृक संपत्ति में पूरा हक मिलता है।

प्रॉपर्टी में बहन का हिस्सा कितना होता है?

यदि संपत्ति पैतृक है और वसीयत नहीं बनी है, तो:

  • सभी भाई-बहनों को बराबर हिस्सा मिलेगा
  • अगर कोई बहन जीवित नहीं है लेकिन उसकी संतान है, तो उसका हिस्सा उसकी संतानों को मिलेगा

क्या बहन कोर्ट में दावा कर सकती है?

बिल्कुल। अगर उसे उसका अधिकार नहीं मिल रहा है, तो वह सिविल कोर्ट में केस कर सकती है।

कोर्ट में दावा करने के लिए जरूरी है कि उसके पास सभी दस्तावेज मौजूद हों, और वह कानूनी उत्तराधिकारी हो।

FAQs: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

Q1. क्या भाई की संपत्ति में बहन को हक है?

हाँ, अगर संपत्ति पैतृक है या वसीयत नहीं बनी है, तो बहन को हक है।

Q2. शादीशुदा बहन को भी हिस्सा मिलता है?

हाँ, कानून में शादीशुदा बहन को भी समान अधिकार है।

Q3. अगर भाई ने बहन को वसीयत में नहीं रखा तो?

यदि संपत्ति स्वअर्जित है, तो वसीयत मान्य होगी और बहन को हक नहीं मिलेगा।

Q4. कोर्ट में दावा कब किया जा सकता है?

जब बहन को जानबूझकर वंचित किया गया हो, और उसके पास वैध दस्तावेज़ मौजूद हों।

निष्कर्ष

आज के समय में बहनों के संपत्ति अधिकार को लेकर कानून पूरी तरह स्पष्ट हैं। 2005 के संशोधन और 2020 के सुप्रीम कोर्ट फैसले ने बहनों को बराबरी का दर्जा दिलाया है।

अब यह जरूरी है कि महिलाएं अपने कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूक हों, और जरूरत पड़ने पर न्यायिक सहायता लेने से पीछे न हटें। भाई की संपत्ति पर बहन का हक एक संवैधानिक अधिकार है – और उसे दरकिनार नहीं किया जा सकता।

Disclaimer:

यह लेख केवल सामान्य कानूनी जानकारी के लिए है। किसी भी कानूनी कार्यवाही या दावा करने से पहले अपने वकील या कानूनी सलाहकार से परामर्श अवश्य लें, क्योंकि हर मामला अलग होता है।

Amit is the founder of Just Newson, with over 5 years of experience in blogging. He specializes in providing reliable updates on government schemes (Sarkari Yojana) and trending news. Amit is committed to delivering accurate, actionable, and well-researched content that helps readers stay informed about important government initiatives.

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