UGC ने उच्च शिक्षा में बड़ा बदलाव करते हुए अब एक साथ दो डिग्री कोर्स करने की अनुमति दे दी है। जानें किन शर्तों के साथ यह नियम लागू होगा और छात्रों को इससे क्या-क्या लाभ होंगे।
भारत में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में University Grants Commission (UGC) ने एक ऐतिहासिक और छात्र हित में अहम कदम उठाया है। अब छात्र एक ही समय में दो अलग-अलग डिग्री कोर्स कर सकते हैं। यह नियम नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के अंतर्गत लागू किया गया है, जिसका उद्देश्य छात्रों को अधिक लचीलापन, बहुविषयक ज्ञान और समावेशी शिक्षा प्रदान करना है।
इस नई व्यवस्था से छात्रों का न केवल समय और पैसे की बचत होगी, बल्कि उन्हें एक साथ दो क्षेत्रों में विशेषज्ञता प्राप्त करने का मौका भी मिलेगा।
अब दो डिग्री एक साथ: कैसे संभव होगा?
अब छात्र चाहे तो एक ही सत्र में दो विषयों में अलग-अलग डिग्री कर सकते हैं। उदाहरण के लिए:
- बीए + बीएड
- बीकॉम + एमए इंग्लिश
- बीएससी + बीएलआईएस
- एमबीए + एमए इतिहास
बशर्ते कि दोनों कोर्स UGC द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थानों से हों और नीचे बताई गई सभी शर्तें पूरी की जाएं।
जरूरी शर्तें और गाइडलाइंस
नियम | विवरण |
---|---|
क्लास टाइमिंग | दोनों कोर्स की कक्षाएं एक-दूसरे से टकरानी नहीं चाहिए |
मोड | दोनों कोर्स रेगुलर हो सकते हैं, या एक रेगुलर और एक ओपन/ऑनलाइन |
संस्थान | दोनों संस्थान UGC से मान्यता प्राप्त होने चाहिए |
पाठ्यक्रम स्तर | यह सुविधा केवल UG और PG डिग्री व डिप्लोमा पाठ्यक्रमों तक सीमित है |
रिसर्च प्रोग्राम | पीएचडी जैसे शोध-आधारित कोर्स इस नियम के बाहर हैं |
प्रवेश प्रक्रिया | दोनों कोर्स में अलग-अलग प्रवेश लेना आवश्यक होगा |
छात्रों को क्या होंगे फायदे?
UGC के इस फैसले से छात्रों को मिलेंगे कई लाभ:
समय की बचत
अब छात्र 3 या 4 वर्षों में दो डिग्रियां पूरी कर सकते हैं। इससे आगे की पढ़ाई या रोजगार के लिए तैयार होने में तेजी आएगी।
रोजगार के अधिक अवसर
मल्टी-डिसिप्लिनरी डिग्री रखने वाले छात्रों को कंपनियों में प्राथमिकता मिल सकती है। जैसे यदि कोई छात्र बीकॉम के साथ एमबीए कर रहा हो, तो वह अकाउंटिंग और मैनेजमेंट दोनों में दक्ष माना जाएगा।
शैक्षणिक विविधता
छात्र अब अपनी पसंद के सामान्य विषय के साथ-साथ प्रोफेशनल कोर्स भी कर सकते हैं। इससे उनका ज्ञान क्षेत्र व्यापक होगा।
आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए मददगार
जो छात्र रेगुलर कॉलेज नहीं जा सकते, वे ओपन मोड में एक कोर्स कर सकते हैं और साथ में रेगुलर कोर्स भी कर सकते हैं।
कौन कर सकता है लाभ प्राप्त?
यह सुविधा उन छात्रों के लिए बेहद फायदेमंद है:
- जो एक साथ सामान्य और प्रोफेशनल डिग्री करना चाहते हैं
- जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और ओपन लर्निंग को प्राथमिकता देते हैं
- जो मल्टी-स्किल प्रोफाइल बनाना चाहते हैं
- जो समय की बचत कर जल्दी रोजगार पाना चाहते हैं
NEP 2020 के तहत नई सोच
यह कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) की सोच को साकार करता है, जिसमें शिक्षा को लचीली, आधुनिक और रोजगारोन्मुखी बनाने का लक्ष्य रखा गया है। UGC का यह निर्णय लाखों छात्रों के लिए उच्च शिक्षा का स्वरूप बदलने वाला साबित हो सकता है।
निष्कर्ष
अब छात्र अपनी पसंद और करियर की दिशा के अनुसार एक साथ दो डिग्रियां कर सकते हैं, वह भी पूरी तरह मान्य और UGC अनुमोदित रूप में। इससे न केवल शिक्षा में लचीलापन आएगा, बल्कि देश में योग्यता और स्किल का स्तर भी बढ़ेगा।
यदि आप उच्च शिक्षा की योजना बना रहे हैं, तो यह अवसर आपके लिए गेम-चेंजर हो सकता है। एक साथ दो डिग्री लेकर आप अपने भविष्य को एक मजबूत और विविध आयाम दे सकते हैं।