उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग में 1 जुलाई 2025 से एक बड़ा बदलाव लागू होने जा रहा है। अब विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को अपनी हाजिरी ऑनलाइन बायोमैट्रिक मशीन के माध्यम से दर्ज करनी होगी। यह आदेश सभी विकासखंड कार्यालयों, नगर संसाधन केंद्रों और नगर क्षेत्रीय शिक्षा कार्यालयों पर कार्यरत कर्मियों के लिए अनिवार्य किया गया है।
नया नियम: अब “No Attendance, No Salary”
बलिया जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, जुलाई माह से किसी भी कर्मचारी को तब तक वेतन नहीं मिलेगा जब तक उसकी ऑनलाइन बायोमैट्रिक अटेंडेंस दर्ज नहीं होती। यानी बिना हाजिरी वेतन की प्रक्रिया रोक दी जाएगी।
आदेश से जुड़ी मुख्य बातें:
बिंदु | विवरण |
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आदेश लागू होने की तिथि | 1 जुलाई 2025 |
कौन होंगे प्रभावित | सभी ब्लॉक संसाधन केंद्र, नगर संसाधन केंद्र एवं नगर क्षेत्र के अधिकारी और कर्मचारी |
उपस्थिति का तरीका | बायोमैट्रिक मशीन के माध्यम से ऑनलाइन अटेंडेंस |
वेतन शर्त | बायोमैट्रिक हाजिरी के बिना वेतन नहीं मिलेगा |
क्यों लिया गया यह फैसला?
बेसिक शिक्षा विभाग में अनुशासन, पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए यह निर्णय लिया गया है। लंबे समय से शिक्षकों और कर्मचारियों की उपस्थिति में गड़बड़ी की शिकायतें मिलती रही हैं। कई कर्मचारी बिना उपस्थिति के कार्यालय छोड़ देते हैं या देर से आते हैं।
इस निर्णय के पीछे सरकार के उद्देश्य:
- कर्मचारियों की समयपालन पर निगरानी रखना
- फिजिकल उपस्थिति को डिजिटल रूप से रिकॉर्ड करना
- वेतन वितरण में पारदर्शिता सुनिश्चित करना
- भविष्य में इसी आधार पर प्रमोशन और मूल्यांकन की प्रणाली तैयार करना

परिषदीय विद्यालयों में पहले भी हो चुका है प्रयास
गौरतलब है कि कुछ समय पहले परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में भी ऑनलाइन अटेंडेंस की शुरुआत की गई थी, लेकिन शिक्षकों के विरोध के चलते उसे स्थगित कर दिया गया था। शिक्षकों की मांग थी कि:
- पहले कार्यालयों में बायोमैट्रिक अटेंडेंस लागू की जाए
- फिर उनकी समस्याओं पर विचार करके स्कूलों में नियम लाया जाए
अब जब विभागीय कार्यालयों में यह सिस्टम लागू हो रहा है, तो संभावना जताई जा रही है कि भविष्य में परिषदीय स्कूलों में भी ऑनलाइन हाजिरी लागू की जा सकती है।
कैसे काम करेगा बायोमैट्रिक अटेंडेंस सिस्टम?
- प्रत्येक अधिकारी/कर्मचारी को बायोमैट्रिक डिवाइस पर प्रतिदिन सुबह और शाम उपस्थिति दर्ज करनी होगी
- मशीन से जुड़ा डेटा केंद्रीय सर्वर पर अपलोड होगा
- प्रतिमाह की उपस्थिति रिपोर्ट के आधार पर वेतन बिल तैयार किया जाएगा
- छुट्टी के लिए भी डिजिटल आवेदन और स्वीकृति प्रक्रिया लागू होगी
कर्मचारी संगठनों की प्रतिक्रिया
कुछ शिक्षक और कर्मचारी संगठनों ने इस कदम का स्वागत किया है, क्योंकि इससे काम में पारदर्शिता और अनुशासन बढ़ेगा। वहीं कुछ कर्मचारी संगठनों ने बुनियादी संसाधनों की कमी को लेकर चिंता जताई है:
- कई कार्यालयों में अभी बायोमैट्रिक मशीनें इंस्टॉल नहीं हैं
- तकनीकी खराबियों के चलते हाजिरी छूट सकती है
- इंटरनेट कनेक्टिविटी वाले क्षेत्रों में डेटा अपलोड में समस्या आ सकती है
लेकिन विभाग ने स्पष्ट किया है कि सभी समस्याओं के समाधान के लिए तकनीकी सहयोग और प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी।
आगे की संभावनाएं
अब जबकि बेसिक शिक्षा विभाग ने कर्मचारियों के लिए ऑनलाइन उपस्थिति अनिवार्य कर दी है, तो यह समझा जा सकता है कि:
- अगले चरण में यह नियम शिक्षकों और स्कूलों में भी लागू किया जा सकता है
- पूरे राज्य के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में एक 統िक उपस्थिति पोर्टल तैयार किया जाएगा
- इससे न केवल हाजिरी, बल्कि रिपोर्टिंग, निरीक्षण और मूल्यांकन भी डिजिटल हो जाएगा
निष्कर्ष
1 जुलाई 2025 से यूपी के बेसिक शिक्षा विभाग में अब बिना ऑनलाइन हाजिरी के वेतन नहीं मिलेगा। यह कदम न केवल कार्य संस्कृति में सुधार लाएगा, बल्कि सरकारी कार्यालयों में तकनीकी उपयोग को बढ़ावा देगा।
अगर आप भी शिक्षा विभाग में अधिकारी या कर्मचारी हैं, तो सुनिश्चित करें कि आपकी बायोमैट्रिक हाजिरी ठीक से दर्ज हो।
आगे चलकर शिक्षकों के लिए भी यही नियम लागू हो सकता है, इसलिए इस बदलाव के लिए मानसिक रूप से तैयार रहें।
लेखक: अमित
स्रोत: JustNewson.com