भारतीय रेलवे ने वेटिंग टिकट यात्रियों के लिए नए नियम लागू किए हैं। अब AC और स्लीपर कोच में वेटिंग टिकट पर यात्रा करना मना है। जानें क्या हैं नए नियम, जुर्माने और यात्रा के विकल्प।
भारतीय रेलवे में रोजाना लाखों लोग सफर करते हैं, लेकिन जब कन्फर्म टिकट नहीं मिलता और टिकट वेटिंग में चला जाता है, तो सबसे बड़ा सवाल होता है — क्या अब भी इस टिकट पर यात्रा की जा सकती है?
रेलवे ने इस सवाल का जवाब अब साफ-साफ दे दिया है। 1 मार्च 2025 से वेटिंग टिकट पर सफर को लेकर नए नियम लागू किए गए हैं, जिनका उल्लंघन करने पर यात्रियों को जुर्माना और ट्रेन से उतारे जाने तक का सामना करना पड़ सकता है।
रेलवे द्वारा जारी Waiting Ticket New Rules 2025 – एक नजर
नियम/बिंदु | विवरण |
---|---|
नए नियम लागू | 1 मार्च 2025 से |
वेटिंग टिकट से यात्रा | सिर्फ जनरल (अनारक्षित) कोच में मान्य |
AC/Sleeper कोच में यात्रा | पूरी तरह प्रतिबंधित |
ऑनलाइन वेटिंग टिकट | कन्फर्म न होने पर ऑटो कैंसिल |
काउंटर वेटिंग टिकट | जनरल कोच में यात्रा की अनुमति |
पकड़े जाने पर जुर्माना | Sleeper: ₹250, AC: ₹440 तक |
सीट अलॉटमेंट | अब AI आधारित सिस्टम से |
बुकिंग अवधि | 120 दिन से घटाकर 60 दिन कर दी गई |
रिफंड पॉलिसी | ट्रेन लेट या कैंसिल पर पूरा रिफंड |
वेटिंग टिकट होता क्या है?
जब किसी ट्रेन की सभी रिजर्व सीटें बुक हो जाती हैं और फिर भी कोई यात्री टिकट बुक करता है, तो उसका टिकट वेटिंग लिस्ट में चला जाता है, जैसे WL1, WL2 आदि।
कन्फर्म टिकट मिलने की संभावना यात्री के सामने वाले यात्रियों के टिकट कैंसिल होने पर होती है।
नए नियमों के अनुसार वेटिंग टिकट से सफर कैसे कर सकते हैं?
रेलवे ने साफ कर दिया है कि:
- ऑनलाइन वेटिंग टिकट (IRCTC से बुक): कन्फर्म न होने पर यह ऑटोमैटिक कैंसिल हो जाएगा। सफर की अनुमति नहीं।
- काउंटर से वेटिंग टिकट: सिर्फ जनरल कोच में सफर संभव, स्लीपर या एसी कोच में नहीं।
AC या Sleeper कोच में वेटिंग टिकट पर सफर करने पर क्या होगा?
यदि कोई यात्री वेटिंग टिकट लेकर रिजर्व कोच में सफर करता है, तो:
- TTE फाइन लगा सकता है
- AC कोच में पकड़े जाने पर ₹440 तक जुर्माना
- Sleeper कोच में पकड़े जाने पर ₹250 तक जुर्माना
- यात्री को अगले स्टेशन पर ट्रेन से उतारा भी जा सकता है
रेलवे ने क्यों लागू किए ये सख्त नियम?
रेलवे का मकसद है:
- कन्फर्म टिकट वालों को पूरी सुविधा मिले
- भीड़भाड़ और सीट को लेकर झगड़े खत्म हों
- यात्रा ज्यादा सुरक्षित और व्यवस्थित हो
- AI आधारित सीट आवंटन प्रणाली से वेटिंग लिस्ट की समस्या घटे
वेटिंग टिकट और कन्फर्म टिकट का अंतर
बिंदु | वेटिंग टिकट | कन्फर्म टिकट |
---|---|---|
सीट अलॉटमेंट | नहीं | हां |
यात्रा की अनुमति | केवल जनरल कोच में | पूरी तरह |
रिजर्व कोच में यात्रा | मना | अनुमति |
रिफंड नियम | उपलब्ध | उपलब्ध |
जुर्माने का खतरा | है | नहीं |
टिकट बुकिंग और रिफंड के नए नियम
- अब टिकट 120 दिन की बजाय 60 दिन पहले ही बुक किया जा सकता है।
- ट्रेन 3 घंटे से अधिक लेट होने या कैंसिल होने पर पूरा रिफंड मिलेगा।
- ऑनलाइन वेटिंग टिकट कन्फर्म न होने पर स्वतः रद्द हो जाएगा।
- काउंटर टिकट को भी कैंसिल कराकर रिफंड लिया जा सकता है।
सुझाव – वेटिंग टिकट से यात्रा करने से पहले क्या करें?
- यात्रा की योजना पहले से बनाएं और कन्फर्म टिकट बुक करें
- वेटिंग टिकट है तो जांचें कि कन्फर्म हुआ या नहीं
- कन्फर्म न हो तो जनरल कोच में ही सफर करें
- काउंटर से टिकट लिया है तो जरूरत पड़ने पर कैंसिल कराएं और रिफंड लें
- किसी भी अफवाह या भ्रामक सोशल मीडिया पोस्ट पर भरोसा न करें
निष्कर्ष
रेलवे ने यात्रियों की सुविधा और यात्रा अनुभव को बेहतर बनाने के लिए वेटिंग टिकट से रिजर्व कोच में यात्रा पर पूरी तरह रोक लगा दी है। अब सिर्फ जनरल कोच में ही वेटिंग टिकट पर यात्रा संभव है।
कृपया नियमों का पालन करें, यात्रा से पहले अपने टिकट की स्थिति जांचें, और सुरक्षित व सुविधाजनक यात्रा सुनिश्चित करें।
Disclaimer:
यह जानकारी सार्वजनिक सूत्रों, रेलवे के हालिया दिशा-निर्देशों और समाचार रिपोर्ट्स पर आधारित है। कृपया यात्रा से पहले IRCTC या रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट पर नियमों की पुष्टि अवश्य करें। अफवाहों से सावधान रहें और नियमों का पालन करें।